सार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पीसीएस 2022 के नतीजों में उत्तराखंड की बेटी आंकाक्षा ने चौथी रैंक हासिल की है। वह पिछले छह वर्षों से सिविल सेवा की तैयारी में जुटी थी। पांचवें अटेम्पट में उन्हें यूपीपीएससी एग्जाम में कामयाबी मिली है।

UPPSC PCS 2022 Topper: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के पीसीएस 2022 के नतीजों में उत्तराखंड की बेटी आंकाक्षा ने चौथी रैंक हासिल की है। वह पिछले छह वर्षों से सिविल सेवा की तैयारी में जुटी थी। पांचवें अटेम्पट में उन्हें यूपीपीएससी एग्जाम में कामयाबी मिली है। चौथे अटेम्पट में उन्होंने इंटरव्यू 'फेस' किया था। पर उनका सेलेक्शन नहीं हो सका था। आकांक्षा की शुरुआती शिक्षा सेंट जूड स्कूल से हुई। उन्होंने कम्प्यूटर साइंस से ग्रेजुएशन किया। नौकरी का अवसर भी मिला, पर उन्होंने नौकरी करने के बजाए सिविल सेवा की तैयारी की राह चुनी। उनके पिता नरेंद्र गुप्ता टाइल्स कारोबारी हैं और मॉं सपना गुप्ता गृहिणी हैं।

UPSC-UPPCS के चार अटेम्पट में निराशा

आकांक्षा ने यूपीपीसीएस के साथ यूपीएससी के भी चार अटेम्पट दिए थे। उस दौरान उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। यूपीएससी 2022 के प्रीलिम्स का एक पेपर क्लियर हो गया था। पर सीसैट के दूसरे पेपर में एक गलती की वजह से डिसक्वालिफाई हो गई थीं। उनका कहना है कि बहुत ही बचकानी गलती की वजह से मेरा प्रीलिम्स का पेपर खराब हुआ। उस समय मुझे बहुत बुरा महसूस हो रहा था।

यह थी शॉकिंग सिचुएशन

आकांक्षा कहती हैं कि तब उन्होंने सोचा कोई बात नहीं, अगले 5-6 दिन बाद ही यूपीपीसीएस का एग्जाम था, उसकी तैयारी करते हैं। यदि उस समय मैं हार मान जाती तो ​यूपीपीसीएस का प्रीलिम्स क्लियर नहीं होता और फिर फाइनल सलेक्शन तो होने से रहा। इसके अलावा वर्ष 2021 के यूपीपीसीएस के अटेम्पट में वह इंटरव्यू तक पहुंची थीं। उन्हें काफी उम्मीद थी। पर उनका नाम लिस्ट में नहीं आया। वह उनके लिए शॉकिंग सिचुएशन थी। उनका कहना है कि उसके बाद मैंने एक चीज सीखी ​थी कि हम अपना काम करते रहें और परिणाम भगवान पर छोड़ दें।

खुद की जर्नी को लेकर ही करती थीं मोटिवेट

आकांक्षा कहती हैं कि जब वह निराशा होती थीं, तब वह खुद की जर्नी को लेकर ही अपने को मोटिवेट करती थीं। जैसे-पहले दो अटेम्पट में यूपीएससी का प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ था। यूपीपीसीएस में भी तीन अटेम्पट में प्रीलिम्स क्लियर नहीं हुआ। दो बार यूपीएससी का मेंस एग्जाम दिया। एक बार 2 नम्बर की वजह से इंटरव्यू में शामिल नहीं हो सकीं। पर कोशिश करते करते वह 2021 में यूपीपीसीएस के इंटरव्यू तक पहुंच गई थीं, हालांकि उस साल भी उनका सेलेक्शन नहीं हुआ था।

पहले प्रीलिम्स भी नहीं हो रहे थे क्लियर, प्रयास करते-करते इंटरव्यू तक पहुंची

उनका कहना है कि एक समय था कि मैं प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पा रही थी और एक समय आया, जब मैं प्रयास करते-करते इंटरव्यू तक पहुंच गई। उसके अलावा पिछले वर्ष जब उन्होंने यूपीपीसीएस का इंटरव्यू दिया था, तब उन्हें वहां से एक बड़ा अनुभव और आत्मविश्वास हासिल हुआ था। उन सब चीजों ने उन्हें इस साल इंटरव्यू फेस करने में काफी मदद मिली। पिछले साल दिए गए इंटरव्यू में उनको अधिकतम अंक मिले थे। भले ही उनका फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ था। उस दौरान टीचर्स ने भी उनकी हिम्मत बढ़ाई थी।

ये होता है इस जर्नी का सबसे बुरा समय

आकांक्षा कहती हैं कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद जब फाइनल रिजल्ट में नाम नहीं आता है तो यही पूरी जर्नी का सबसे बुरा समय होता है, निराशा होती है। जैसे यूपीपीसीएस की 370 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इंटरव्यू में 1070 अभ्य​र्थी बुलाए गए थे, इनमें से लगभग 700 अभ्यर्थियों को निराशा हुई होगी। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में थोड़ा आराम करें और फ्रेश होने के बाद फिर आगे बढ़ें। फ्रेश होकर एक बार फिर अपनी जर्नी स्टार्ट करें, सफलता जरुर मिलेगी।

इंटरनेट और स्टैटिक बुक से तैयारी

आकांक्षा ने परीक्षा की तैयारी इंटरनेट और स्टैटिक बुक की मदद से की। घर पर ही रहकर सेल्फ स्टडी की। यूपीपीसीएस के इंटरव्यू के समय दो बार दिल्ली गई थीं। ऐसा नहीं कि उन्होंने परिवार से अलग रहकर किसी शहर में तैयारी की। उनका कहना है कि उन्होंने बहुत सारी तैयारी ट्विटर, यूट्यूब और फेसबुक के मदद से की है। कुछ आईएएस अपने काम के बारे में ट्वीट करते हैं, उससे मेंस के उत्तर लिखने में आसानी होती है। सोशल मीडिया का अच्छे से इस्तेमाल किया जाए। पर उसके डिस्ट्रैक्शन से बचना चाहिए। फालतू के यूट्यूब चैनल को अनसब्सक्राइब करें। पढ़ाई का शिड्यूल ऐसा बनाए कि मुझे यह काम इतने समय में करना है ना कि यह हमें 8-10 घंटे डेली पढ़ना है। छोटे-छोटे टारगेट बनाकर, उसे फॉलो करें। परिवार और दोस्तों स न कट जाएं। कुछ दोस्त ऐसे बनाएं, जो आपको मोटिवेट करें।

भगवान और ​परिवार वालों को सफलता का श्रेय

वह अपनी सफलता का श्रेय भगवान और अपने परिवार वालों को देती हैं। वह एक साथ उत्तराखंड पीसीएस, यूपीपीसीएस और यूपीएससी की तैयारी कर रहीं थी। आकांक्षा कहती हैं कि तीन प्रतियोगी परीक्षाओं की एक साथ तैयारी के दौरान टाइम मैनेज करना मुश्किल हो रहा था। उत्तर प्रदेश के जो स्पेशिफिक फैक्ट होते हैं, वह मेरे लिए चाचाजी लाकर देते थे। आईआईटी की तैयारी करने वाले छोटे भाई ने मुझे मैथ पढ़ाया। इस वजह से वह अपने परिवार वालों को अपने सफलता का श्रेय देती हैं। उन लोगों ने आकांक्षा को सपोर्ट किया। 10 महीने के अंदर पारदर्शी तरीके से एग्जाम कराने के लिए उन्होंने यूपी सरकार को भी धन्यवाद दिया है।