UPSC Fake Certificate Prevention: UPSC अब भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट DigiLocker से स्वीकार करेगा। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए यह बड़ा कदम उठाया गया है। UPSC चेयरमैन ने घोषणा की कि आयोग की चीटिंग पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। जानें डिटेल।
UPSC DigiLocker Move Fake Certificate Prevention 2025: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने और फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब उम्मीदवारों के सर्टिफिकेट सीधे DigiLocker प्लेटफॉर्म के जरिए स्वीकार किए जाएंगे। इस फैसले के बारे UPSC चेयरमैन अजय कुमार ने आयोग के शताब्दी समारोह (Centenary Celebrations) में बताया। इस घोषणा को हाल ही में सामने आए पूजा खेड़कर मामले से जोड़कर देखा जा रहा है। पूजा खेड़कर, निलंबित ट्रेनी IAS ऑफिसर पर OBC और दिव्यांग कोटे का गलत इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगे थे। इसी के चलते उम्मीदवारों द्वारा जमा किए जाने वाले फर्जी सर्टिफिकेट्स को लेकर सवाल खड़े हुए थे।
UPSC चेयरमैन ने क्या कहा?
अजय कुमार ने दूरदर्शन पर प्रसारित एक वर्चुअल टाउनहॉल में अभ्यर्थियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, हमारी पॉलिसी बिल्कुल साफ है। चीटिंग या धोखाधड़ी पर हमारी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। अगर कोई उम्मीदवार पकड़ा जाता है तो उसे कम से कम 3 साल के लिए निलंबित कर दिया जाता है और आपराधिक धोखाधड़ी के मामले में कानूनी कार्रवाई भी होती है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूजा खेड़कर पर नियमों के अनुसार सबसे सख्त कार्रवाई की जा रही है।
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DigiLocker क्यों जरूरी?
UPSC भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों को कई तरह के सर्टिफिकेट जमा करने पड़ते हैं, जैसे-
- जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate)
- विकलांगता प्रमाण पत्र (Benchmark Disability Certificate)
- आय प्रमाण पत्र (Income Certificate)
अक्सर इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर सवाल उठते हैं कि क्या ये वास्तव में संबंधित प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए हैं या नहीं। इसी समस्या को खत्म करने के लिए अब UPSC सीधे DigiLocker से सर्टिफिकेट्स लेगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और फर्जीवाड़े की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
फर्जीवाड़े पर UPSC का सख्त संदेश
UPSC ने साफ किया है कि चाहे फर्जी सर्टिफिकेट का मामला हो या परीक्षा में चीटिंग, किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आयोग का कहना है कि नए कदमों से न केवल उम्मीदवारों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि भर्ती प्रक्रिया और भी निष्पक्ष व पारदर्शी होगी। यह कदम आने वाले दिनों में लाखों उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि अब उन्हें अपने दस्तावेजों की वैधता पर कोई अतिरिक्त शक-शुबहा नहीं झेलना पड़ेगा।
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