सार

UPSC Prilims Exam 2023 in Manipur: मणिपुर में फैली हिंसक घटनाओं पर काबू पाते हुए यूपीएससी प्री एग्जाम में आज 3300 से अधिक कैंडिडेट्स शामिल हुए। कई कैंडिडेट्स को दिल्ली समेत कई अन्य शहरों के ऑप्शन दिए गए थे।

एजुकेशन डेस्क। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आज सिविल सर्विसेज की प्रिलिम्स एग्जाम आयोजित किए गए थे। मणिपुर में जातीय हिंसा पर काबू पाने के साथ करीब 3300 से अधिक कैंडिडेंट्स ने यूपीएससी प्रिलिम्स के एग्जाम दिए। कैंडिडेट्स को आईजोल, कोहिमा, शिलांग, कोलकाता और दिल्ली में केंद्र बनाकर एग्जाम में शामिल होने का ऑप्शन दिया गया था। 

upsc pre exams 2023: इम्फाल में 12 केंद्रों पर हुई यूपीएससी प्री एग्जाम
यूपीएससी के अधिकारी ने बताया कि यहां 12 नामित केंद्रों पर यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। पुलिस के मुताबिक सुबह से शाम तक राजधाी में कोई भी हिंसा की घटना नहीं हुई है। मणिपुर लोक सेवा आयोग के अधिकारी इम्फाल में 12 उप-केंद्रों पर कुल मिलाकर 4,051कैंडिडेटस ने यूपीएससी प्री एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। हालांकि के माहौल के कारण 700 कैंडिडेट्स ने राज्य के बाहर केंद्रों में परीक्षा देने का विकल्प चुना था। 

ये भी पढ़ें. UPSC Result 2022: 184वीं रैंक के लिए एमपी की दो आयशा ने किया दावा, जानें कहां और कैसे फंसा पेच

upsc pre exam 2023 in manipur :कर्फ्यू वाले एरिया में दिखाना पड़ा एडमिट कार्ड
उन्होंने कहा कि 3 मई को शुरू हुई मणिपुर हिंसा की घटनाओं के कारण संघ लोक सेवा आयोग ने राज्य के सिविल सेवा के कैंडिडेट्स को आइजोल, कोहिमा, शिलांग, कोलकाता और दिल्ली में प्रारंभिक परीक्षाओं में बैठने का विकल्प दिया था। कर्फ्यू वाले क्षेत्र में स्टूडेंट्स को सेंटर तक जाने के लिए एडमिट कार्ड दिखाना पड़ा। 

ये भी पढ़ें. UPSC 2022: प्रयागराज की बेटी ने 10वीं क्लास में ही देखा था IAS बनने का सपना, दोस्त और सोशल मीडिया सबसे कर लिया था किनारा

upsc pre exams between manipur voilence: इंटरनट बंदी से पढ़ाई प्रभावित
एक कैंडिडेट टी निकिता ने कहा कि यूपीएससी प्रीलिम्स के लिए देश भर के युवा तैयारी करते हैं। ऐसे में मणिपुर में हिंसा के कारण इंटरनेट फेसेलिटी बंद होने से प्रिपरेशन में थोड़ी प्रॉब्लम भी हुई। इंटरनेट सस्पेंड होने से पिछले 25 दिनों में हमारी तैयारी काफी हद तक प्रभावित हुई। इस महीने  मणिपुर में मैतेई और कुकी वर्ग के बीच जातीय हिंसा में 70 से अधिक लोगों की जान चली गई। इस कारण इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।