Indian Students in USA 2025: अमेरिका में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 2025 में भारी कमी आई है। जानिए कारण, वीजा नियम, महंगी पढ़ाई और नौकरी के अवसरों की चुनौतियों के साथ इसका खुद अमेरिका पर क्या असर होगा?
Indian Students US Study Decline 2025: भारत के छात्रों के लिए अमेरिका कभी सपनों की दुनिया जैसा लगता था। जहां सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि करियर बनाने के मौके भी मिलते थे। लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में जारी, अमेरिकी वाणिज्य विभाग के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशासन के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त 2025 में अमेरिका आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या केवल 41,540 रही, जो पिछले साल के मुकाबले 44% कम है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अमेरिकी सरकार की नई गाइडलाइन मानी जा रही है। अब विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या 15% तक सीमित और किसी एक देश के छात्रों को केवल 5% तक रखने का निर्देश दिया गया है। मतलब, अगर आप भारतीय छात्र हैं तो आपकी संख्या पहले जैसी नहीं रह सकती।
अमेरिका की महंगी पढ़ाई और नौकरी के अवसरों में कमी
अधिकतर भारतीय छात्र अमेरिका में कंप्यूटर साइंस (CS) या टेक्नोलॉजी की पढ़ाई करने जाते हैं। लेकिन अब टेक इंडस्ट्री में मंदी और लेऑफ्स की खबरों ने छात्रों की सोच बदल दी है। करियर कंसल्टेंट जयप्रकाश गांधी के अनुसार, जब नौकरी के मौके कम हैं और पढ़ाई महंगी है, तो CS में महंगा कोर्स करना अब ज्यादा आकर्षक नहीं लगता।
क्या अमेरिकी शिक्षा का आकर्षण खत्म हो रहा है?
सवाल ये उठता है कि क्या अमेरिकी शिक्षा का आकर्षण खत्म हो रहा है? नहीं। पायनियर एकेडमिक्स द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे से पता चलता है कि 91% अंतरराष्ट्रीय छात्र अभी भी अमेरिका में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, सैलरी, सुरक्षा, राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक तनाव जैसी चिंताएं बढ़ी हुई हैं। जुलाई 2025 में F-1 वीजा पर आने वाले छात्रों की संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग 30% घट गई, जिसमें भारतीय छात्रों में 50% की गिरावट और चीनी छात्रों में 26% की गिरावट रही। छात्रों की मुख्य चिंताओं को ऐसे समझ सकते हैं-
- अंतरराष्ट्रीय तनाव- 54%
- राजनीतिक अस्थिरता- 45%
- व्यक्तिगत सुरक्षा- 31%
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नियमों में बदलाव के बाद अमेरिका में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की पढ़ाई का भविष्य
नए H1B वीजा नियमों ने भी स्थिति को और पेचीदा बना दिया है। कई छात्रों के लिए अमेरिका की पढ़ाई का असली फायदा पोस्ट-स्टडी नौकरी के अवसरों में है। अगर ये रास्ते सीमित दिखें, तो महंगी अमेरिकी पढ़ाई करने का मन कम होता है। इसका असर सिर्फ भारतीय या इंटरनेशनल छात्रों पर ही नहीं बल्कि अमेरिका पर भी पड़ेगा जिसमें-
- अमेरिकी यूनिवर्सिटी करोड़ों रुपये की ट्यूशन फीस खो सकती हैं।
- घरेलू छात्रों पर असर पड़ सकता है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय छात्रों की फीस अक्सर रिसर्च और एकेडमिक्स प्रोग्राम्स में इस्तेमाल होती है।
- यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को फायदा मिल सकता है, जहां पढ़ाई के बाद नौकरी के साफ रास्ते हैं।
अब भारत में करियर और प्रोफेशनल मौके पहले से बेहतर
2005 में अमेरिका में H1B नियम ज्यादा आसान थे। लेकिन 2008 की वित्तीय संकट के बाद हालात बदल गए। कई भारतीय छात्र घर लौटने के लिए मजबूर हुए। वहीं, जो लोग अमेरिका में रहे, उन्हें भी बाद में यही विकल्प चुनना पड़ा। आज, भारत का 2025 एडिशन पहले से कहीं ज्यादा उम्मीदों और अवसरों से भरा है। एक्सपर्ट के अनुसार अगर आप अभी अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं और निराश महसूस कर रहे हैं, तो समझें- हर बंद दरवाजे के पीछे कई नए अवसर खुले हैं। भारत में करियर और प्रोफेशनल मौके पहले से बेहतर और रोमांचक हैं।
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