सार

भारत को दुनियाभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अफगानिस्तान में भारत को क्या कहते हैं? और क्यों? इसका जवाब आपको हैरान कर देगा! जानिए भारत और अफगानिस्तान के अनसुने रिश्तों के बारे में।

What do afghans call india historical name: भारत, जिसे कभी "सोने की चिड़िया" कहा जाता था, का इतिहास हजारों साल पुराना है। यह देश अपनी समृद्धि, संस्कृति और महान राजाओं के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध रहा है। भारत के कई नाम हैं, जैसे "भारतवर्ष," "हिंदुस्तान," "जंबूद्वीप," "आर्यावर्त," और "हिंद।" लेकिन क्या आपने सोचा है कि अफगानिस्तान में भारत को किस नाम से बुलाया जाता है? जवाब आपको हैरान कर सकता है!

अफगानी लोग भारत को क्या कहते हैं?

दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भारत को अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे "इंडिया," "तियांझू," और "हिमवर्षा।" लेकिन अफगानिस्तान में भारत को "हिंदुस्तान" कहा जाता है। यह नाम केवल एक संबोधन नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों की गहराई को भी दर्शाता है।

कभी भारत का हिस्सा था अफगानिस्तान

7वीं सदी तक अफगानिस्तान भारत का हिस्सा था। इस क्षेत्र पर कई हिंदू राजाओं ने शासन किया। इनमें राजा कल्लर, समंतदेव, अष्टपाल, भीम, जयपाल, आनंदपाल, भीमपाल और त्रिलोचनपाल जैसे शासकों के नाम प्रमुख हैं। महाभारत में अफगानिस्तान को "गंधार" के रूप में बताया गया है।

"भारत" नाम कैसे पड़ा?

भारत का नाम कई महान व्यक्तियों से जुड़ा हुआ है। इनमें राजा दशरथ के पुत्र भरत, नाट्यशास्त्र के रचयिता भरत मुनि, और राजा दुष्यंत के पुत्र भरत का विशेष उल्लेख मिलता है। इन राजाओं ने अपने समय में विशाल साम्राज्य स्थापित किए और अपनी पराक्रम से भारत का गौरव बढ़ाया। "भरत" नाम केवल एक व्यक्ति से नहीं, बल्कि एक संपूर्ण सभ्यता और संस्कृति से जुड़ा है। यह नाम भारत की पहचान और उसकी गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है।

अफगानिस्तान और भारत के सांस्कृतिक रिश्ते

इतिहास में अफगानिस्तान को भारत का विस्तार माना गया है। दोनों देशों के बीच व्यापार, धर्म और संस्कृति का गहरा संबंध रहा है। गंधार की भूमि, जो आज का अफगानिस्तान है, कभी भारतीय सभ्यता का हिस्सा थी। वहां के मंदिर, स्थापत्य और लोककथाएं आज भी इस कड़ी को जीवंत बनाती हैं।

क्या है अफगान-भारत नाम का रहस्य?

अफगानिस्तान में भारत का नाम "हिंदुस्तान" केवल भूगोल से नहीं, बल्कि दोनों देशों की साझा संस्कृति से भी जुड़ा है। यह नाम उन यादों को जीवंत करता है जब दोनों देश एक थे और एक ही संस्कृति की छत्रछाया में पनप रहे थे।

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