B Sudarshan Reddy: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। जानिए उनका एजुकेशन, करियर, पर्सनल लाइफ और उपलब्धियों से जुड़ी खास बातें।

Who is B Sudarshan Reddy: देश में राजनीति का माहौल एक बार फिर गर्म हो गया है। वजह है आने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव 2025, जो 9 सितंबर को होने जा रहा है। इस चुनाव में सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। एनडीए की ओर से महाराष्ट्र के राज्यपाल और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन मैदान में हैं, वहीं विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। इस ऐलान के साथ ही राजनीतिक हलकों में मुकाबले की तस्वीर और साफ हो गई है।

कौन हैं बी सुदर्शन रेड्डी विपक्षी इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार 2025

बी सुदर्शन रेड्डी 78 साल के हैं और उनका करियर करीब चार दशकों तक फैला रहा है। वे सिर्फ जज ही नहीं रहे बल्कि अपनी ईमानदार छवि और कानूनी समझदारी के लिए भी जाने जाते हैं। अब जब विपक्ष ने उन्हें अपना उम्मीदवार चुना है, तो हर किसी के मन में यही सवाल है कि आखिर कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी? जानिए उनके जीवन और करियर से जुड़ी खास बातें।

बी सुदर्शन रेड्डी का एजुकेशन और शुरुआती जीवन (B Sudarshan Reddy Education)

बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को हुआ था। वे आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) के रंगा रेड्डी जिले के अकुला मायलारम गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद में हुई और इसके बाद उन्होंने ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की। साल 1971 में उन्होंने वकालत की डिग्री हासिल की और इसी साल वकालत की शुरुआत भी कर दी।

बी सुदर्शन रेड्डी की कानूनी करियर की शुरुआत (B Sudarshan Reddy Career)

सुदर्शन रेड्डी ने 1971 में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में नाम दर्ज कराया। इसके बाद वे हाई कोर्ट में सिविल और संवैधानिक मामलों की पैरवी करने लगे। उनकी मेहनत और अनुभव ने उन्हें जल्द ही खास पहचान दिलाई। 1988 से 1990 तक वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में सरकार के वकील (Government Pleader) रहे। इसके बाद वे कुछ समय के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील भी बने। वे ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रह चुके हैं।

बी सुदर्शन रेड्डी का जज बनने का सफर

1995 में, उन्हें आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का स्थायी जज नियुक्त किया गया। 2005 में, उन्हें गौहाटी हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 12 जनवरी 2007 को, वे सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के जज बने और 2011 तक इस पद पर रहे। रिटायरमेंट के बाद उन्हें गोवा का पहला लोकायुक्त नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने मार्च से अक्टूबर 2013 तक सेवाएं दीं।

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विपक्ष का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों बने बी सुदर्शन रेड्डी?

विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से बी सुदर्शन रेड्डी का नाम उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में तय किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी पार्टियों ने एकजुट होकर यह फैसला लिया है और यह लोकतंत्र की बड़ी जीत है। दूसरी तरफ, एनडीए के पास संख्याबल की वजह से जीत की संभावना ज्यादा है, लेकिन विपक्ष ने मुकाबले को दिलचस्प बनाने के लिए न्यायपालिका से जुड़े और साफ-सुथरी छवि वाले नेता को उम्मीदवार बनाया है।

बी सुदर्शन रेड्डी की पर्सनल लाइफ (B Sudarshan Reddy Personal Life)

रेड्डी एक साधारण किसान परिवार से निकलकर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे। यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। उनकी व्यक्तिगत संपत्ति या परिवार से जुड़ी ज्यादा जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है। बी सुदर्शन रेड्डी एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने अपने चार दशकों से ज्यादा लंबे करियर में न्यायपालिका की दुनिया में बेदाग और ईमानदार छवि बनाई। अब वे राजनीति के मंच पर विपक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव में एक अहम चेहरा बनकर सामने आए हैं।

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