सार

दिल्ली के रहने वाले सम्यक जैन (Samyak Jain) ने 7वीं रैंक हासिल की है। देश भर में मार्च 2020 में जब कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगाया गया तो उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम देने का फैसला किया।

करियर डेस्क. कहते हैं जहां चाह होती है वहीं राह होती है। संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज एग्जाम (UPSC Civil Service Exam 2021 ) के रिजल्ट 30 मई को घोषित कर दिए हैं। देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली यूपीएससी में इस बार कई ऐसे कैंडिडेट्स ने सफलता हासिल की है जो विपरीत परिस्थित में हार नहीं माने और कड़ी मेहनत से सफलता पाई। हम आपको एक ऐसे ही टॉपर के बारे बता रहे हैं जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर UPSC एग्जाम में 7वीं रैंक हासिल की। दिल्ली के रहने वाले सम्यक जैन (Samyak Jain) ने 7वीं रैंक हासिल की है। 

आंखों की रोशनी गई
सम्यंक जैन ने साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास की। उसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन में कंप्यूटर साइंस से बीटेक में एडमिशन लिया। लेकिन इस दौरान उनके साथ हादसा हो गया। उनके आंखों की रोशनी चली गई। उन्हें मैकुलर डिजनरेशन (Macular Degeneration) हो गया था। आंखों की रोशनी गई तो परिवार वालों ने पढ़ाई छोड़ने को कहा। उन्होंने हार नहीं मानी और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय में ओपन से इंग्लिश ऑनर्स से बीए करने का फैसला लिया। उन्हें इसमें सफलता भी मिली। 

लॉकडाउन में देखा IAS बनने का सपना
देश भर में मार्च 2020 में जब कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन लगाया गया तो उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम देने का फैसला किया। लेकिन पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार तैयारी करते रहे। दूसरे प्रयास में उन्होंने 7वीं रैंक हासिल की। 

प्रीलिम्स में मां और मेंस में दोस्त ने लिखा था पेपर
आंखों की रोशनी नहीं होने के कारण उन्होंने पीडब्ल्यूडी श्रेणी में एग्जाम दिया। सम्यक की कॉपी लिखने के लिए एक राइटर की जरूरत थी ऐसे में ग्रेजुएशन से लेकर यूपीएससी तक होने वाले हर एग्जाम नें उनकी मां वे एग्जाम की कॉपी लिखी।  यूपीएससी प्रीलिम्स एग्जाम में भी उनकी कॉपी उनकी मां ने लिखी। जबकि मेंस एग्जाम में उनके एक दोस्त ने उनकी कॉपी लिखी। 

सम्यक सवालों के जवाब देते थे और उनकी मां और दोस्त आंसर सीट लिखते थे। UPSC में सफलता पाने के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है। उन्होंने बताया कि उनके इस सफर में उनकी फैमली के सभी मेंबर वे सपोर्ट किया। उनके मामा उन्हें परीक्षा दिलाने के लिए ले जाते थे। वहीं, उनके पिता एअर इंडिया में जॉब करते थे।

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