सार

इरमीम के चाचा लियाकत चौधरी ने उनकी सफलता के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर की लड़कियां राज्य की आशा हैं।

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के राजौरी की रहने वाली इरमीम शमीम AIIMS MBBS प्रवेश परीक्षा पास करने वाली पहली गुर्जर लड़की बनीं। ये परीक्षा उन्होंने 2019 में जून के महीने में दी थी। उनके लिए ये परीक्षा पास करना आसान नहीं था। इसके लिए उन्हें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। सभी जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर के हालात हमेशा से ही नाजुक रहे हैं और अभी भी वहां के हालात ज्यादा कुछ ठीक नहीं है। वहां आतंकी गतिविधियों के चलते अक्सर कर्फ्यू लगे रहते हैं। ऐसे में स्कूल जाकर पढ़ाई करना काफी मुश्किल होता है। 

10 किमी दूर स्कूल जाती थीं इरमीम

इरमीम बताती हैं कि वे कभी भी मुश्किलों से डरी नहीं बल्कि उसका सामना किया और रोज घर से दूर 10 किमी चलकर स्कूल जाकर पढ़ाई करती थीं। वे पिछड़े समुदाय से हैं और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास ठीक नहीं थी। वे इतनी दूर स्कूल इसलिए जाया करती थीं क्योंकि उनके घर के पास कोई ज्यादा अच्छे स्कूल नहीं थे। इरमीम कहती हैं कि सभी के जीवन में कुछ न कुछ दिक्कतें होती हैं। लेकिन सभी को उन दिक्कतों से लड़ना चाहिए। जिसके बाद सफलता निश्चित रूप से उसके पास आएगी। एम्स एमबीबीएस परीक्षा क्लियर करने के बाद उनका परिवार खुश है। वे उसे एक सफल डॉक्टर बनते देखना चाहते हैं। ताकि उनकी बेटी जम्मू-कश्मीर और देश के लोगों की सेवा कर सके।

'J&K की लड़कियां क्षेत्र की आशा हैं...'

इरमीम के चाचा लियाकत चौधरी ने उनकी सफलता के बारे में बात करते हुए कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर की लड़कियां राज्य की आशा हैं। जम्मू और कश्मीर की लड़कियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीवन के हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई है। जिला विकास आयुक्त एजाज असद ने इरमीम शमीम की उपलब्धि की सराहना की और उसे हर संभव मदद का आश्वासन दिया ताकि वह भविष्य में पढ़ाई जारी रख सकें।