सार

जापान पहले नंबर पर और इसके बाद सिंगापुर तथा दक्षिण कोरिया इंडेक्स रैंकिंग में संयुक्त तौर पर दूसरे स्थान पर हैं। इसके बाद जर्मनी और स्पेन तथा अन्य यूरोपीय देशों का नंबर आता है। स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड और नॉर्वे का नाम भी इस लिस्ट में है।

एजुकेशन डेस्क। किस देश का पासपोर्ट सबसे मजबूत या कहें दमदार है, उसकी एक लिस्ट हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की ओर से जारी की गई है। इसमें इस साल की शुरुआत का डाटा देते हुए बताया गया है कि जापान का पासपोर्ट दुनियाभर में सबसे ताकतवर है। इस इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, इसे 193 ग्लोबल डेस्टिनेशन में वीजा फ्री प्रवेश की इजाजत है और इसके साथ ही यह लगातार पांचवें साल टॉप पर बना हुआ है। 

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि पासपोर्ट का व्यापक तौर पर तब भी उपयोग होता रहा है, जब कोविड से यात्रा नियम सख्त बनाए गए थे। जापान के विदेश मंत्रालय के नए उपलब्ध डाटा के अनुसार, 2021 के अंत में केवल 24 मिलियन वैध जापानी पासपोर्ट चलन में थे। यह पिछले साल की तुलना में करीब 3 मिलियन कम है। इसका मतलब है कि 20 प्रतिशत से कम आबादी के पास ट्रेवेल डाक्यूमेंट्स हैं।

अमरीका 22वें नंबर पर लिस्ट में 
जापान के बाद सिंगापुर और दक्षिण कोरिया ने भी इंडेक्स में रैंकिंग में संयुक्त तौर पर दूसरे स्थान पर अपना स्थान बरकरार रखा है। इसके बाद जर्मनी और स्पेन तथा अन्य यूरोपीय देशों का नंबर आता है। स्विट्जरलैंड, न्यूजीलैंड और नॉर्वे का नाम भी इस लिस्ट में है। वहीं, 186 ग्लोबल डेस्टिनेशन पर वीजा फ्री पहुंच के साथ अमेरिका टॉप 22 में शामिल है। चीन 80 ग्लोबल डेस्टिनेशन वीजा फ्री एंट्री के साथ लिस्ट में है और बोलीविया का नंबर भी यही है। हालांकि, रूस इससे बेहतर है और इसे 118 ग्लोबल डेस्टिनेशन में वीजा फ्री एंट्री हासिल है। वहीं, अफगानिस्तान का पासपोर्ट इंडेक्स में सबसे कमजोर बताया गया है और इसे केवल 27 ग्लोबल डेस्टिनेशन पर फ्री वीजा एंट्री हासिल है। 

हेनले एंड पार्टनर्स की ओर से जारी की गई रैंकिंग 
यह रैंकिंग लंदन स्थित इमिग्रेशन कंसल्टेंसी हेनले एंड पार्टनर्स की ओर से जारी की गई है। रैंकिंग में 227 ट्रेवेल डेस्टिनेशन तक 199 पासपोर्ट को रैंक करने के लिए इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के डाटा का इस्तेमाल किया गया है। इससे पहले, पिछले साल जुलाई में किए गए एक मॉर्निंग कंसल्ट पोल में बताया गया था कि जापान में 35 प्रतिशत वयस्कों ने बताया कि वे फिर से छुट्टियों के लिए ट्रेवेल प्लान नहीं बना रहे हैं। तब यह आंकड़ा अन्य 13 देशों में किए गए सर्वेक्षण की तुलना में कहीं अधिक था। दक्षिण कोरिया ऐसा करने वाला दूसरा देश था। यहां 15 प्रतिशत लोगों ने इसके संकेत दिए थे। जापान नेशनल टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, पिछले साल के पहले 10 महीनों यानी अक्टूबर 2022 तक लगभग 2 मिलियन लोगों ने जापान से दूसरे देश की यात्रा की। महामारी से पहले यानी 2019 में ऐसा करने वालों की संख्या 20 मिलियन थी और ऐसे में यह गैप देखा जा सकता है। 

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