सार

साल 2019 का ‘अट्टहास शिखर सम्मान’ वरिष्ठ व्यंग्य नाटककार दया प्रकाश सिन्हा और ‘अट्टहास युवा सम्मान’ पंकज प्रसून को दिया गया। 

करियर डेस्क.नई दिल्ली में रविवार को अट्टहास सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें अट्टहास  शिखर सम्मान एवं अट्टहास युवा सम्मान से व्यंग्यकारों को सम्मानित किया गया। अट्टहास शिखर सम्मान 2019 से सम्मानित वरिष्ठ नाटककार दया प्रकाश सिन्हा ने कहा कि फिल्म दूरदर्शन टीवी सीरियल के युग में नाटक विधा अप्रासंगिक हो गई है यह सत्य नहीं है फिल्म में मनुष्य अपने कद से बहुत बड़ा दिखाई देता है टीवी में वह अपने कद से बहुत छोटा दिखाई देता है। केवल थिएटर में वह अपने कद में दिखाई देता है। जब तक मानव सभ्यता रहेगी तब तक रंगमंच जीवंत रहेगा। 

अट्टहास शिखर सम्मान 2020 से सम्मानित वरिष्ठ व्यंग्यकार प्रेम जनमेजय ने कहा "व्यंग्य का पथ बहुत दुर्गम है इस पर चलना बहुत कठिन है। जितना चलना  कठिन है, उससे ज्यादा व्यंग्यकारों को सम्मानित करना कठिन है। लेकिन सम्मान उत्प्रेरक होने चाहिए लक्ष्य नहीं। व्यंग्य लेखन के साथ-साथ उस पर विमर्श बहुत आवश्यक है।" अट्टहास  युवा सम्मान 2020 से सम्मानित भोपाल के व्यंग्यकार अनुज खरे ने कहा-" व्यंग्य  की क्वालिटी को लेकर काफी चिंता है देश में। इस समय प्रति एकड़ में 200 से ऊपर व्यंग्यकार पाए जा रहे हैं। लेखक ज्यादा है ,श्रोता कम है।  यह लेखक और श्रोता का अनुपात भारी चिंता का विषय है।

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अट्टहास  युवा सम्मान 2019 से सम्मानित लखनऊ के व्यंग्यकार पंकज प्रसून ने कहा कि  व्यंग्य हमेशा सत्ता के विरुद्ध ही लिखा जाता है, चाहे वह राजनीतिक सत्ता हो ,चाहे पारिवारिक या फिर सामाजिक। उन्होंने कटाक्ष करते हुए सुनाया-" कुर्सी का पानी से गहरा नाता है कुर्सी छिनते  ही आंखों में पानी भर जाता है और कुर्सी मिलते ही आंखों का पानी मर जाता है।" 

माध्यम के महासचिव अनूप श्रीवास्तव ने सभी सम्मानितों   को धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे सुधी साहित्यकारों के सहयोग से ही अट्टहास सम्मान  विगत 40 वर्षों से अनवरत सफलतापूर्वक चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह अट्टहास  की महिमा है  डीपी सिन्हा को वर्ष 2019 के लिए अट्टहास शिखर सम्मान की घोषणा के लगभग 15 दिन बाद ही पद्मश्री  और सहित्य अकादमी की घोषणा भारत सरकार द्वारा की गई।