सार
यूक्रेन रिटर्न स्टूडेट्स और उनके पैरेंट्स भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वापसी की कोई उम्मीद नहीं दिख रही और पढ़ाई भी अधर में है। ऐसे में बच्चों के माता-पिता ने सरकार से मांग की है कि अब उनके बच्चों का फ्यूचर सरकार के ही हाथ में है। किसी तरह उनकी पढ़ाई पूरी करवाएं।
करियर डेस्क : यूक्रेन में जंग के हालातों के बीच आधी-अधूरी पढ़ाई छोड़ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को अपने करियर की चिंता सता रही है। यूक्रेन (Ukraine) के युद्ध क्षेत्र से वे भले ही वापस लौट आए हो लेकिन करियर की जंग जारी है। पिछले हफ्ते की ही बात है जब रायपुर में (Raipur) में उन्होंने अपनी पीड़ा लेकर प्रदर्शन भी किया था और पढ़ाई पूरी कराने की मांग की थी। अब उनके फ्यूचर को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdev) ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) को पत्र लिखकर यूक्रेन रिटर्न मेडिकल छात्रों की पढ़ाई पूरी कराने का आग्रह किया है।
सवाल बच्चों के भविष्य का है
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पत्र में लिखा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) से जो हालात वहां पैदा हुए, उसमें वहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय स्टूडेंट्स को भारत सरकार ने सुरक्षित वापस लाया। अब इन छात्रों के भविष्य की चिंता भी सरकार को करनी चाहिए ताकि उनकी आगे की पढ़ाई पूरी हो सके। उन्होंने आग्रह किया है कि ऐसे छात्रों छात्रों के समय को आधार मानकर देश की जो मेडिकल कॉलेज हैं वहां अतिरिक्त सीटें बढ़ानी चाहिए ताकि उनका भविष्य खराब न हो। इससे देश में डॉक्टरों की कमी भी पूरी हो सकेगी।
यूक्रेन से कितने छात्र छत्तीसगढ़ लौटे
दरअसल, सस्ती मेडिकल शिक्षा और आसान प्रवेश प्रक्रिया की वजह से हर साल बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाते हैं। लेकिन जब वहां युद्ध के हालात बने तो कॉलेज बंद कर दिए गए, ऐसे में उन्हें वतन वापसी करनी पड़ी। इसमें छत्तीसगढ़ के 207 स्टूडेंट्स शामिल हैं। पहले उन्हें उम्मीद थी कि युद्ध जल्दी ही खत्म हो जाएंगे और वे वापस लौटकर अपनी पढ़ाई पूरी कर लेंगे लेकिन अगस्त चल रहा है और हालात अब भी ज्यादा नहीं सुधरे हैं ऐसे में स्टूडेंट्स और उनके पैरेट्स भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
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