सार

अगले साल यानी 2023 में हॉयर एजुकेशन में मेटावर्स, नैनो लर्निंग, ऑनलाइन सर्टिफिकेशन जैसे कुछ और उम्दा कोर्स होंगे, जाे ट्रेंड करेंगे। इसकी वजह साफ है कि अब दुनिया पारंपरिक शिक्षा से काफी आगे तकनीकी जरूरत को देखते हुए आगे बढ़ रही है। 

करियर डेस्क। ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स, एड-टेक एक्सपेंशन, अपस्किलिंग वर्कप्लेस प्रतिस्पर्धा, गेमिफिकेशन और मेटावर्स एजुकेशन मॉडल, हायर एजुकेशन से जुड़े ये पांच ऐसे ट्रेंड होंगे, जो अगले साल यानी 2023 की शुरुआत से ही लोगों की नजर में आ जाएंगे। हालांकि, नैनो लर्निंग भी अगले साल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में काफी हद तक सफल होगा। ऐसा इसलिए कि युवा प्रफेशनल्स अब अपनी एफिशिएंसी यानी दक्षता से सैंकड़ों साल पुराने तरीके को अपग्रेड में सफल हो रहे हैं। 

हालांकि, मेटावर्स में बड़े पैमाने पर बदलाव की उम्मीद देखी जा रही है। माना जा रहा है कि मानव संसाधन, वित्त, मार्केटिंग, मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी और खासतौर पर यूएक्स यूआई जैसे कोर्स की डिमांड अधिक होने की उम्मीद है। ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स भी छात्रों के बीच अपनी खास जगह बनाए रखेंगे, क्योंकि एजुकेशन सेक्टर में भी फ्यूचर लगातार अपस्किलिंग यानी कुशलता को लेकर ज्यादा अलर्ट है। 

विशेषज्ञों का मानना है कि बॉर्डरलेस कैंपस और इंटरनेट का अथाह विस्तार ज्यादा से ज्यादा रास्ते खोलेगा। साथ ही, छात्रों को सीखने और खुद को आगे बढ़ने के नए तरीकों से रूबरू भी कराएगा। यही नहीं, टेक्निकल प्रोफिशिएंसी यानी तकनीकी दक्षता के अलावा, काम करने वाली जगह भी मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक मेजरमेंट का गवाह होगा। ऐसे में नए युग के कोर्स और शिक्षण व्यवस्था को अगले साल यानी वर्ष 2023 में इस जरूरत के साथ तेजी से जोड़ा जाएगा। वहीं, विज्ञान, इनोवेशन, रिसर्च, सामाजिक विज्ञान और हाई क्वालिटी वाले कुछ सब्जेक्ट को भी सीखने पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। यही नहीं, लिबरल आर्ट, मानविकी यानी ह्यूमिनिटीज और कुछ अन्य विषयों पर भी फोकस रहेगा। इससे छात्रों को कई सारे विकल्प मिलेंगे। 

मेटावर्स एजुकेशन 
मार्केट रिसर्च फ्यूचर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एजुकेशन मार्केट में पांच साल में यानी 2022 से 2027 तक AR और VR में 18.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का अनुमान है। वर्चुअल आग्मेंटेंड यानी आभासी संवर्धन और वर्चुअल रिएलिटी का प्रभावशाली रोल होगा। यही नहीं मेटावर्स शैक्षिक संस्थानों और कार्यस्थलों को आने वाले समय में अपग्रेड करने के लिए प्रेरित भी करेगा। ऐसा करने से कम्युनिकेशन, लर्निंग और काम को ज्यादा से ज्यादा से सेंट्रलाइज करने में मदद मिलेगी। 

गेमिफिकेशन 
शिक्षा उद्योग में आज गेमिफिकेशन सबसे लोकप्रिय रुझान में से एक है। यह गैर पारंपरिक तरीके से जुड़ाव और सीखने के जरिए अपनी उपस्थिति महसूस करा रहा है। गेमिफाइड एक्सपीरियंस कौशल विकास को तो बढ़ा ही रहा है। साथ ही मोटिवेशन, इंगेजमेंट और छात्र की ट्रैकिंग में सुधार भी कर रहा है। 

कार्यस्थल में प्रतिस्पर्धा कौशल यानी वर्कप्लेस कंपीटेंसिज स्किलिंग 
इसमें मैनेजमेंट, लीडरशिप, रिक्रूटमेंट प्रैक्टिस, टैलेंट एक्विजेशन जैसे क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाएगा। ऐसे में इस कोर्स को प्रोजेक्ट और सहयोग के माध्यम से वास्तविक दुनिया को समझने और सीखने की कोशिश होगी। इसके अलावा, कम्युनिकेशन, इमोशन, बुद्धिमत्ता, सहानुभूति और सहयोग जैसे सॉफ्ट स्किल्स को महत्व दिया जाएगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में ये ज्यादा डिमांडिंग होंगे। 

नैनो लर्निंग 
एक ऐसा त्वरित मॉड्यूल जो सीखने और सूचनाओं को छोटी-छोटी सूचनाओं में पैक करेगा, नैनो लर्निंग कांसेप्ट को सामने लाएगा। यह दुनियाभर में मशहूर हो रहा है और पसंद किया जा रहा है, क्योंकि छात्रों के साथ कोर्स सामग्री और हायर लेवल पर अपने फीचर कांसेप्ट व इंगेजमेंट में सबसे उम्दा है। 

ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स 
महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम में इसकी काफी मदद ली गई। हालांकि, लॉकडाउन खुलने के बाद भी इसके कई कांसेप्ट लोगों को फायदा पहुंचा रहे और इसमें ऑनलाइन लर्निंग भी महत्वपूर्ण है। दुनिया अब केवल डिप्लोमा के बजाय स्किल आधारित कोर्स को बढ़ते हुए देख रही है, जो करियर को नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह किसी भी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। 

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