सार

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 18 फरवरी से शुरू हो रही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल पर अंकुश लगाने के लिए इस बार राजधानी लखनऊ में राज्य स्तरीय निगरानी एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जहां से पूरे प्रदेश के परीक्षा केंद्रों पर नजर रखी जा सकेगी

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 18 फरवरी से शुरू हो रही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में नकल पर अंकुश लगाने के लिए इस बार राजधानी लखनऊ में राज्य स्तरीय निगरानी एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जहां से पूरे प्रदेश के परीक्षा केंद्रों पर नजर रखी जा सकेगी।

माध्यमिक शिक्षा परिषद के अपर सचिव (प्रशासन) शिव लाल ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक-एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है और इनके ऊपर एक राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जिससे सभी नियंत्रण कक्ष जुड़े रहेंगे।

7,859 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा 

उन्होंने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं प्रदेशभर में 7,859 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएंगी जिन पर 1,90,000 सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी। परीक्षाओं के सीधे प्रसारण (लाइव वेबकास्टिंग) के लिए राउटर एवं ब्रॉडबैंड से इन सीसीटीवी कैमरों को जोड़ा गया है।

अपर सचिव ने बताया कि इस बार 938 संवेदनशील और 339 अति संवेदनशील केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी जो पूरी परीक्षा अवधि में परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों पर नजर रखेगा।

परीक्षा के दौरान 24 घंटे रहेगी बिजली 

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 8 फरवरी को सभी जिलों के डीएम, जिला विद्यालय निरीक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए नकल विहीन परीक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया। परीक्षा के दौरान बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

शिव लाल ने बताया कि वर्ष 2020 की हाईस्कूल की परीक्षा में 30,22,607 परीक्षार्थी और इंटरमीडिएट की परीक्षा में 25,84,511 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। हाईस्कूल की परीक्षा 3 मार्च को और इंटरमीडिएट की परीक्षा 6 मार्च को समाप्त होगी। इन परीक्षाओं के परिणाम 25 अप्रैल तक घोषित किए जाने की संभावना है।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)