सार
बंगाली सिंगर संध्या मुखर्जी का निधन हो गया है। वे 90 साल की थी। बता दें कि उनका मंगलवार शाम को कोलकाता के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित पाई गई थीं और हार्ट संबंधी बीमारियों से भी पीड़ित थीं।
मुंबई. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से फिर एक बुरी खबर सामने आई है। लीजेंड सिंगर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के बाद बंगाली सिंगर संध्या मुखर्जी (Sandhya Mukherjee) का निधन हो गया है। वे 90 साल की थी। बता दें कि संध्या मुखर्जी का मंगलवार शाम को कोलकाता के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। खबरों की मानें तो खराब स्वास्थ्य की वजह से वे 27 जनवरी से ही अस्पताल में भर्ती थी। वे कोरोना संक्रमित पाई गई थीं और हार्ट संबंधी बीमारियों से भी पीड़ित थीं। उनके कई अंगों ने काम करना बंद दिया था। उनका इलाज आईसीयू में चल रहा था। उनके निधन पर शोक जताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वो राज्य के पूर्वोत्तर जिलों का अपना तीन दिवसीय दौरा बीच में ही खत्म कर गायिका के अंतिम संस्कार के लिए कोलकाता लौटेंगी। बनर्जी गायिका के काफी करीब हुआ करती थीं। बनर्जी ने कहा कि उनके पार्थिव शरीर को बुधवार दोपहर से शाम पांच बजे तक रविन्द्र सदन में रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।
लगातार किए ट्वीट
ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त करते हुए लगातार 3 ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि वो उन्हें अपनी बड़ी बहन की तरह मानती थी। ये उनके लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। निर्देशक और निर्माता राज चक्रवर्ती ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा- लीजेंड संध्या मुखर्जी के निधन ने बंगाल के लिए एक काला दिन ला दिया है। वो अपने फैन्स के दिलों में हमेशा अमर रहेंगी। उसकी आत्मा को शांति मिले।
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सिंगर संध्या मुखर्जी के निधन पर दुख व्यक्त किया। शेख हसीना ने कहा- अपने गीतों को संगीत की दुनिया में ले जाने के अलावा, उन्होंने बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध (मुक्ति युद्ध) में योगदान दिया था। उनकी आत्मा को शांति मिले।
- हाल ही में संध्या मुखर्जी ने पद्मश्री लेने से मना करने के बाद चर्चा में आई थी। उनकी बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि उन्होंने दिल्ली से फोन करने वाले वरिष्ठ अधिकारी से कहा था कि वो पद्मश्री मिलने के लिए नामित होने को तैयार नहीं हैं। लगभग आठ दशकों से अधिक के गायन करियर के साथ पद्मश्री के लिए चुना जाना उनके कद की गायिका के लिए अपमानजनक है। संध्या जी को 2011 में बंगा विभूषण मिला, जो पश्चिम बंगाल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। उनको 1970 में जय जयंती और निशि पद्मा फिल्मों के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था।
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