सार

दीपिका पादुकोण अपनी फिल्म 'छपाक' की रिलीज से 2 दिन पहले मंगलवार को जेएनयू पहुंची थीं। यहां उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच उपस्थिति दर्ज कराई। जहां एक ओर दीपिका के इस कदम तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी तरफ जेएनयू प्रोटेस्ट में उनका शामिल होना कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। उन्हें सोशल मीडिया पर इस प्रोटेस्ट का हिस्सा बनने के लिए जमकर ट्रोल किया गया। अब उनकी आने वाली फिल्म छपाक पर इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है।

मुंबई. दीपिका पादुकोण को जेएनयू प्रदर्शन में जाना महंगा पड़ रहा है। जब से वे वहां गई है उन्हें लगातार सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है। इतना ही नहीं अब उनकी फिल्म छपाक जो 10 जनवरी को रिलीज हो रही है उस पर भी मुसीबत के बादल मंडरा रहे हैं। गुस्साए कुछ लोगों ने उनकी फिल्म की एडवांस बुकिंग तक कैंसिल कर दी है। 


कैंसिल की फिल्म की टिकट
दीपिका पादुकोण अपनी फिल्म 'छपाक' की रिलीज से 2 दिन पहले मंगलवार को जेएनयू पहुंची थीं। यहां उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच उपस्थिति दर्ज कराई। जहां एक ओर दीपिका के इस कदम तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी तरफ जेएनयू प्रोटेस्ट में उनका शामिल होना कुछ लोगों को पसंद नहीं आया। अब उनकी आने वाली फिल्म छपाक पर इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर पहले #BoycottChhapaak ट्रेड करता नजर आया, अब लोग धड़ाधड़ इस फिल्म की टिकट कैंसिल कर रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर 'छपाक' की कैंसिल टिकट के स्क्रीनशॉट भी शेयर कर रहे हैं। 


दीपिका की जगह अजय देवगन
कुछ लोगों ने फिल्म छपाक की कैंसिल टिकट के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए अपील की है कि 'छपाक' के बजाए अजय देवगन की 'तानाजी' देखने जाएं। बता दें कि डायरेक्टर मेघना गुलजार की फिल्म 'छपाक' 10 जनवरी  को रिलीज हो रही है।


10 मिनट रूकी थी दीपिका
बीते दिनों नकाबपोशों द्वारा जेएनयू कैंपस में घुसकर छात्र-छात्राओं और प्रोफेसर्स पर हमला किया गया था। इसके खिलाफ जेएनयू स्‍टूडेंट प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में मंगलवार शाम दीपिका पहुंची थीं। इस मौके पर उन्‍होंने छात्रसंघ अध्‍यक्ष आइशी घोष से मुलाकात की थी। दीपिका यहां करीब 10 मिनट रूकी थीं। इसके बाद बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने दीपिका पर निशाना साधा। उन्‍होंने ट्वीट करके लोगों से अपील की थी कि दीपिका ने टुकड़े-टुकड़े और अफजल गैंग का समर्थन किया है। इसलिए उनकी फिल्मों का बहिष्कार करें। वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहां कि यह लोकतंत्र है, कोई कहीं भी जा सकता है।