सार
वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट के भाषण में मुख्यमंत्री नई योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं। जिसका सभी वर्गों पर असर होगा। चूंकि चुनावी साल है तो सभी को साधने की भी कोशिश सरकार की रहेगी। अपने चौथे बजट में सीएम भूपेश इसका आकार पिछले बजट से पांच फीसदी ज्यादा रख सकते हैं।
रायपुर : चुनावी साल से पहले छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार आज अपना बजट (Chhattisgarh Budget 2022) पेश करने जा रही है। दोपहर साढ़े 12 बजे बतौर वित्त मंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) अपनी सरकार का लेखा-जोखा विधानसभा की पटल पर रखेंगे। बजट से पहले प्रश्नकाल में पीएम आवास का मामला सदन में उठा। जेसीसीजे विधायक रेणु जोगी ने पूछा 2020 और 21 में पंचायत विभाग द्वारा प्रदेश में कितने पीएम आवास स्वीकृत हुए। बिलासपुर जिले की सरकार से पूरी जानकारी मांगी। पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव की अनुपस्थिति में मंत्री अकबर ने इसका जवाब दिया। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के बिल्हा में 1888, कोटा 1842 , मस्तूरी 1891, तखतपुर में 1070 आवास स्वीकृत हुए। जबकि कोटा विधानसभा में 1989 आवास की स्वीकृत हैं, लेकिन अभी इनका निर्माण नहीं हुआ है।
चुनावी साल, हर वर्ग के लिए होगा खास
माना जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 का वार्षिक बजट के भाषण में मुख्यमंत्री नई योजनाओं का ऐलान कर सकते हैं। जिसका सभी वर्गों पर असर होगा। चूंकि चुनावी साल है तो सभी को साधने की भी कोशिश सरकार की रहेगी। अपने चौथे बजट में सीएम भूपेश इसका आकार पिछले बजट से पांच फीसदी ज्यादा रख सकते हैं। यह बजट युवा, रोजगार और विकास पर फोकस होगा। घोषणापत्र के अधूरे वादों को पूरा करने का प्लान भी बजट में दिखाई दे सकता है।
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मास्टर स्ट्रोक चल सकते हैं भूपेश बघेल
कहा यह भी जा रहा है कि चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों को साधने सीएम भूपेश बघेल पुरानी पेंशन योजना की बहाली से जुड़ा कोई ऐलान कर सकते हैं। वित्त विभाग की तरफ से इसकी तैयारी भी करीब-करीब पूरी बताई जा रही है। वित्त विभाग का शुरुआती अनुमान है कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने से अगले एक दशक तक सरकार पर वित्तीय भार नहीं पड़ने वाला। बता दें कि नई पेंशन योजना 2004 से लागू हुई है। उसके बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों की संख्या साढ़े तीन लाख के आस-पास बताई जा रही है। ये कर्मचारी करीब-करीब 10 साल बाद रिटायर होंगे। बता दें कि यूपी चुनाव में पुरानी पेंशन योजना बड़ा मुद्दा बना। इसके बाद राजस्थान सरकार ने इसे हरी झंडी दिखाई। जिसके बाद छत्तीसगढ़ में भी इसकी मांग को देखते हुए सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है।
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