सार

सीएम बघेल ने कहा कि कण-कण में ईश्वर है तो फिर हम में भेद कैसा? हमारी भारतीय ऋषि और संत परंपरा है, जिसके प्रतिनिधि महात्मा गांधी हैं और उस रास्ते पर चलने वाली कांग्रेस पार्टी है। इन लोगों (BJP-RSS) ने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया। कभी समाज सुधार नहीं किया। बता दो आरएसएस या उसके किसी संगठन ने कोई समाज सुधार का काम किया हो? 

रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के अपमान पर सियासत जोरों से चल रही है। संत कालीचरण (Sant Kalicharan Maharaj) को कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। इधर, कांग्रेस (Congress) ने महात्मा गांधी के सम्मान में शुक्रवार को 2 घंटे तक गांधी भजन (Gandhi Ram Dhun) कर प्रदर्शन किया। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) समेत तमाम नेता मौजूद रहे। इस दौरान सीएम बघेल ने गोडसे (Nathuram Godse) के विचारधारा पर आक्रामक और तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने संत कालीचरण से लेकर आरएसएस (RSS) तक पर निशाना साधा और बापू के मसले पर भाजपा (BJP) को जमकर घेरा। ये भी कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने वाले, गोडसे और सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) की राह पर चल रहे हैं। देश विभाजन के लिए गांधी नहीं, जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) और सावरकर जिम्मेदार हैं।

सीएम बघेल ने कहा कि देश के विभाजन के नींव रखने वाले सावरकर हैं और विभाजन को हवा देने वाला जिन्ना है। जिन्ना भी नास्तिक थे और सावरकर नास्तिक थे। एक मुसलमानों का और हिंदू का नेता बन गए। उन्होंने कहा- कण-कण में ईश्वर है तो फिर हम में भेद कैसा? हमारी भारतीय ऋषि और संत परंपरा है, जिसके प्रतिनिधि महात्मा गांधी हैं और उस रास्ते पर चलने वाली कांग्रेस पार्टी है। इन लोगों (BJP-RSS) ने आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लिया। कभी समाज सुधार नहीं किया। बता दो, आरएसएस या उसके किसी संगठन ने कोई समाज सुधार का काम किया हो? आज देश में वैश्विक महामारी फैली है। ऐसे में लोगों को आर्थिक तौर पर मदद करने की जरूरत है, ना कि धर्मांतरण में लड़ाई करने की। बघेल बोले- आइंस्टीन ने कहा था कि भविष्य की पीढ़ियों को इस बात पर विश्वास करना मुश्किल होगा कि हाड़ मांस से बना कोई व्यक्ति इस धरती पर आया था। इतना ही नहीं, 1944 में सुभाष चंद बोस ने रंगून से रेडियो संदेश में बापू को फादर ऑफ नेशन कहा था। आज कुछ टुटपुंजिया लोग कहते हैं कि हम राष्ट्रपिता नहीं मानते हैं। मैं कहता हूं- तू होता कौन है? सुभाष बाबू से भी बड़ा है क्या? वैचारिक मतभेद होते हुए भी सुभाष बाबू ने बापू को राष्ट्रपिता कहा था।

नफरत फैलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत
बघेल ने कहा कि धर्म पर चल रही संसद में राजनीति आ गई और फिर महात्मा गांधी पर टिप्पणी कर दी गई। जिस भाषा का प्रयोग किया, वो सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता था। वहां पुरजोर विरोध महंत राम सुंदर दास ने किया। अब वो कालीचरण है या गालीचरण है। उसे गाली देने के लिए भेजा गया था? उसके पीछे क्या उद्देश्य था? ये हमें पता नहीं है। छत्तीसगढ़ पुलिस बधाई की पात्र है, ऐसे व्यक्ति को पकड़कर कोर्ट में खड़ा कर दिया। आज नफरत फैलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है, ऐसे लोग समाज के लिए कोढ़ हैं।

ईश्वर से अछूता कोई नहीं, हम सब उसी के अंश हैं
बघेल ने कहा कि हम अहिंसा के राह पर चलते हैं। गांधीजी ने छत्तीसगढ़ के सुंदरलाल शर्मा को अपना गुरू कहा। गांधीजी ने सबसे बड़ा जो काम किया है वो है श्रम का सम्मान। मेहनत का सम्मान। हम नेहरू और गांधी के समाज को खंडित नहीं होने देंगे। हमारी सरकार गांधी के रास्ते पर चल रही है।

बीजेपी ने कालीचरण की रिहाई की मांग उठाई थी
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कालीचरण की रिहाई की मांग का समर्थन किया है, इससे पहले मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने बीजेपी को गोडसे से जोड़ते हुए कई सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा का बयान इस बात को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है कि पूरी बीजेपी महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे और महात्मा गांधी को गाली देने वाले के साथ खड़ी है।

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