सार
बिलासपुर के घने जंगल में एक युवक ने चलती ट्रेन से कूदकर जान दे दी। युवक की लाश रेलवे पुल से तकरीबन 250 फीट गहरी खाई में पाई गई। शव को बाहर निकालने के लिए पुलिस टीम को ग्रामीणों के साथ सात घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
बिलासपुर(Chhattisgarh). बिलासपुर के घने जंगल में एक युवक ने चलती ट्रेन से कूदकर जान दे दी। युवक की लाश रेलवे पुल से तकरीबन 250 फीट गहरी खाई में पाई गई। शव को बाहर निकालने के लिए पुलिस टीम को ग्रामीणों के साथ सात घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। युवक के पास से मिले आधार कार्ड से उसकी पहचान हुई। पुलिस अब मामले की जांच कर रही है। युवक ने खुदकुशी के पहले अपने घर वालों के बेहद मार्मिक मैसेज किया था।
जानकारी के मुताबिक जंगल में लकड़ी तोड़ने गए ग्रामीणों ने रेलवे पुल के नीचे गहरी खाई में एक युवक का शव देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी। भनवारटंक रेलवे स्टेशन के आगे घने जंगलों में रेलवे टनल के पहले दो पहाड़ों को जोड़ने वाले अमरनाला पुल के नीचे युवक का शव पड़ा था। जानकारी मिलने पर चौकी प्रभारी हेमंत सिंह ने स्टेशन मास्टर और पेंड्रा के RPF प्रभारी से संपर्क किया। इसके साथ ही ग्रामीणों से पूछताछ की, तब पता चला कि जिस जगह पर लाश मिली है, वहां तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है। केवल पैदल मार्ग से ही वहां पहुंचा जा सकता है।
4 किमी पैदल चलकर पहुंची पुलिस टीम
25 अक्टूबर को पुलिस की चार सदस्यीय टीम स्थानीय ग्रामीणों के साथ मौके के लिए रवाना हुई। भनवारटंक रेलवे स्टेशन से 4 किमी पैदल चलकर पुलिस की टीम रेलवे टनल के पास पहुंची, जहां पुल के 250 फीट नीचे युवक का शव पड़ा था। पूरे दिन शव को बाहर निकालने के लिए पुलिस और ग्रामीण मशक्कत करते रहे। शव को ऊपर तक लाने के लिए ग्रामीणों के साथ पुलिस को 7 घंटे मशक्कत करनी पड़ी।
मालगाड़ी से शव लेकर पहुंचे नजदीकी स्टेशन
पुलिस अफसरों के मुताबिक भनवारटंक रेलवे स्टेशन के आगे पैदल पहाड़ी रास्ता होने से टीम के सदस्य, RPF और ग्रामीणों की मदद से पहाड़ी रास्ता तय कर अमरनाला रेलवे पुल के पास पहुंचे, जहां 250 फीट नीचे खाई में उतर कर शव को रेल लाइन पर लाया गया। फिर रेल अफसरों की मदद से मालगाड़ी में शव लेकर पुलिस कर्मी भनवारटंक रेलवे स्टेशन पहुंचे।
आत्महत्या से पहले भेजा था ये मैसेज
शव की तलाशी लेने पर पुलिस ने उसकी जेब से आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज बरामद किया। जिसके आधार पर युवक की पहचान मुंगेली के वार्ड क्रमांक 14 सागरप्रसाद घिरे पिता प्रेमकुमार घिरे के रूप में हुई। उसके परिजन से पुलिस ने संपर्क किया, तब पता चला कि उसने अपने मोबाइल से परिजनों को एक दिन पूर्व मैसेज किया था कि वह अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है। परिजनों ने बताया कि वह मानसिक रूप से बीमार था। शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया है।