देश में ऑक्सीजन की कमी, सप्लाई संबंधित अव्यवस्था को लेकर विभिन्न कोर्ट में सुनवाई चल रही। कोर्ट में अधिकारियों की लगातार पेशी पर सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि जिन अधिकारियों को ऑक्सीजन व्यवस्था में लगना चाहिए वह कोर्ट को जवाब देने में व्यस्त हैं। पूरी व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
नई दिल्ली। देश में ऑक्सीजन की कमी, सप्लाई संबंधित अव्यवस्था को लेकर विभिन्न कोर्ट में सुनवाई चल रही। कोर्ट में अधिकारियों की लगातार पेशी पर सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है। सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि जिन अधिकारियों को ऑक्सीजन व्यवस्था में लगना चाहिए वह कोर्ट को जवाब देने में व्यस्त हैं। पूरी व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
सोशल मीडिया पर इस तरह हो रहा debate
एक यूजर अखिलेश मिश्र ने लिखा है कि कोविड मरीजों के लिए ऑक्सीजनन की व्यवस्था करने वाले अधिकारी अपना कीमती समय हाईकोर्ट को जवाब देने में गंवा रहे। इस वजह से असली काम नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने यह भी ट्वीट किया है कि अलग-अलग कोर्ट अलग-अलग आर्डर दे रहे हैं जिसका पालन भी असंभव है और इससे अव्यवस्था हो रही।
ट्वीट किया है कि सुमित्रा दावरा ऑक्सीजन सप्लाई की इंचार्ज हैं, खुद कोविड पाॅजिटिव हैं। सेक्रेटरी कोविड पाॅजिटिव हैं और आईसीयू में हैं। इसके बावजूद सप्लाई के लिए डिपार्टमेंट काम कर रहा, अब हाईकोर्ट को भी जवाब देने में समय बर्बाद हो रहा।
एक दूसरे यूजर नीरज चैहान ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट और दूसरे कोर्ट सरकार के कामकाज की स्पीड को कम कर रहे हैं इससे कोविड मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है।
सुहास लिखते हैं सुमित्रा दावरा सप्लाई इशू को हैंडल करने की बजाय अब कोर्ट में समय बर्बाद कर रही हैं। इसी तरह डीसीजीआई डाॅ.सोमानी ऑक्सीजन, इंजेक्षन और बेड के मामले को लेकर बांबे हाईकोर्ट में पेश हो रहे। जबकि ये लोग अपना समय इंतजाम करने में लगा सकते थे।
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