सार
द्रविड़ पर लगाए गए हितों के टकराव के मामले में आगे की 'सुनवाई और स्पष्टीकरण' के लिए BCCI ने उन्हें 12 नवंबर को दूसरी बार निजी तौर पर पेश होने को कहा है। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख के रूप में उनकी मौजूदा भूमिका और इंडिया सीमेंट्स के अधिकारी होने के कारण हितों के टकराव का आरोप लगा है।
नई दिल्ली। बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन ने पूर्व दिग्गज भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ को उनके खिलाफ लगाए गए हितों के टकराव के मामले में ‘आगे की सुनवाई और स्पष्टीकरण’ के लिए उन्हें 12 नवंबर को दूसरी बार निजी तौर पर पेश होने को कहा है। आपको बता दें कि द्रविड़ फिलहाल एनसीए में निदेशक हैं। इसके अलावा वह इंडिया सीमेंट्स समूह के उपाध्यक्ष भी हैं। इंडिया सीमेंट्स के पास आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स का मालिकाना हक है।
पहले भी रख चुके हैं अपना पक्ष
एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजय गुप्ता ने द्रविड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख के रूप में उनकी मौजूदा भूमिका और इंडिया सीमेंट्स का अधिकारी होने के कारण हितों के टकराव का आरोप लगाया था। जिसके जवाब में भारत के पूर्व कप्तान 46 साल के राहुल द्रविड़ ने 26 सितंबर को मुंबई में निजी सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा था।
12 नवंबर को होंगे पेश
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जैन ने बुधवार रात द्रविड़ को पत्र लिखकर उन्हें नयी दिल्ली में 12 नवंबर को सुनवाई के लिए पेश होने को कहा है। इस दौरान आरोप लगाने वाले गुप्ता का भी पक्ष सुना जाएगा।’’ जिसके बाद इस मसले पर आगे निर्णय लिया जाएगा।
एनसीए में निदेशक हैं द्रविड़
भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी रहे पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ फिलहाल एनसीए में निदेशक हैं। इसके अलावा वह इंडिया सीमेंट्स समूह के उपाध्यक्ष भी हैं। इंडिया सीमेंट्स के पास आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स का स्वामित्व है। एनसीए में भूमिका मिलने से पहले द्रविड़ भारत-ए और अंडर-19 टीमों के मुख्य कोच भी रहे। एनसीए निदेशक के तौर पर वह इन दोनों टीमों की प्रगति पर नजर भी रखेंगे।
सीएसके से कोई लेना देना नहीं
बीसीसीआई के आचरण अधिकारी के सामने पेश हो चुके द्रविड़ पहले ही अपना पक्ष रख चुके हैं। जिसमें उन्होंने अपने बचाव में कहा था, उन्होंने इंडिया सीमेंट्स से अवैतनिक छुट्टी ली है और चेन्नई सुपरकिंग्स से उनका कोई लेना देना नहीं है। जंबकि बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक समय में एक से अधिक पद पर नहीं रह सकता।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)