सार
न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल (Ajaz Patel) ने एक बार फिर भारत के खिलाफ अपनी उपलब्धि (एक पारी में 10 विकेट) को याद किया है।
स्पोर्ट्स डेस्क: टीम इंडिया (Team Indai) के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हाल ही में 10 विकेट लेकर इतिहास रचने वाले न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल (Ajaz Patel) ने एक बार फिर अपनी उपलब्धि को याद किया है। उन्होंने इस उपलब्धि को याद करते हुए अहम खुलासा किया है। उन्होंने कहा, "अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल करने के दौरान एक विशेष क्लब में शामिल होने के बारे में ज्यादा नहीं सोचा था। मैंने इसके बारे में तब सोचना शुरू किया, जब मुझे नौवां विकेट मिला। ईमानदारी से कहूं तो, उस समय तक मैंने वास्तव में 10 विकेट लेने के बारे में नहीं सोचा था।"
एजाज पटेल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "एक बार यह उपलब्धि हासिल करने के बाद वास्तव में मुझे एहसास हुआ कि यह मुकाम पाने वाले बेहद कम लोग हैं। यह महसूस करना कि मैं उनमें से एक था, काफी अच्छा लगा। मुझे वास्तव में यह उम्मीद नहीं थी कि मैं दस विकेट लूंगा। लेकिन दस के साथ समाप्त करना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि थी।"
तीन सप्ताह पूर्व न्यूजीलैंड के बाएं हाथ के स्पिनर एजाज पटेल भारत के खिलाफ मुंबई टेस्ट में एक पारी में दस विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। एजाज, जिम लेकर और अनिल कुंबले के बाद टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा करने वाले तीसरे गेंदबाज बन गए थे। एजाज पटेल का जन्म मुंबई में ही हुआ था। बचपन में उनका परिवार न्यूजीलैंड शिफ्ट हो गया था।
मुंबई टेस्ट से पहले कानपुर में खेले गए टेस्ट सीरीज के पहले मैच में पटेल ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया था। कानपुर में न्यूजीलैंड के लिए पहला टेस्ट ड्रॉ कराने में उन्होंने निर्णायक भूमिका निभाई थी। ऑलराउंडर रचिन रवींद्र के साथ पटेल ने 23 गेंदों का सामना किया था और इस तरह से भारतीय मूल की जोड़ी ने मेजबान टीम को जीत से वंचित कर दिया था। पटेल ने उस समय की स्थिति को 'तनावपूर्ण' बताया।
कानपुर टेस्ट को लेकर एजाज ने कहा, "मैं जब मैदान पर गया तो शांत था और रचिन से मैंने पूछा कि गेंद कैसी हलचल कर रही है। इसके बाद उन्होंने कहा कि जितना संभव हो सके, सीधे खेलने की कोशिश करें। इसके बाद में परिणाम की चिंता किए बिना मैं हर गेंद को खेलता चला गया और हमने उस मैच को ड्रॉ करवा दिया।"
पटेल ने आगे बताया, "मैं नहीं सोच रहा था कि अगर मैं आउट हो गया, तो हम मैच हार जाएंगे या अगर मैं जारी रखता हूं, तो हम ड्रॉ करेंगे। यह उस समय में हर गेंद पर ध्यान से खेलने के बारे में था। काफी तनावपूर्ण स्थिति में मैंने अपने दिमाग से परिणाम को निकाल दिया था, जिससे मुझे इससे निपटने में मदद मिली। रचिन दूसरे छोर पर भी शानदार खेल रहे थे। अंत में हम दोनों ने मिलकर मैच को ड्रॉ करवा दिया।"
भारत के खिलाफ दो टेस्ट मैचों से पहले पटेल ने आखिरी बार जून में एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला था। उन्होंने कहा, "मैं अपने स्थानीय क्रिकेट क्लब में जाता था और अपने आउटडोर नेट का इस्तेमाल करता था। वहां जाकर गेंदबाजी की। मैं बस एक स्टंप पर गेंदबाजी करना चाहता था और हर सत्र में, मैं 15-20 ओवर गेंदबाजी करने की सोचता था। मैंने ऐसा सप्ताह में लगभग तीन से चार बार किया। इससे वास्तव में मुझे मदद मिली। लेकिन मेरा मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करना था कि मेरा एक्शन अच्छा हो।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे पता था कि जब मैं प्रतिस्पर्धी माहौल में भारत आऊंगा, तो मुझे यहां की परिस्थिति को ध्यान में रखकर गेंदबाजी करने की जरूरत होगी, जिसे मैंने स्वीकार किया। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों को आउट करने और समझने में थोड़ा समय लग गया। खेल में मेरी प्रक्रिया बहुत सरल है। मैं एक समय में एक गेंद पर ध्यान केंद्रित करता हूं और परिणाम के बारे में ज्यादा सोचने की कोशिश नहीं करता। मैं बहुत सहज हूं कि अगर मैं अपनी बॉलिंग पर ध्यान देता हूं, तो परिणाम अपने आप अच्छा आएगा।"
एजाज पटेल ने कहा, "काफी दिनों से क्वारंटीन में रहने के बाद अपने परिवार के साथ वापस आकर खुश हूं, 10 विकेट लेने के कारनामे से परिवार बहुत उत्साहित और खुश है। सबसे बड़ी खुशी की बात अपनी बेटी को देखना और उसके साथ समय बिताना रही। उसके साथ समय बिताना अच्छा लगता है और पिछले डेढ़ महीने में, वह बहुत बदल गई है। वह अभी नौ महीने की है और हर बार जब मैं वापस आता हूं, तो वह थोड़ी अलग हो जाती है।"
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