सार
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने एतिहासिक जीत हासिल की है। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके अभेद किले ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में हराकर इतिहास रचा है।
स्पोर्ट्स डेस्क : भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने एतिहासिक जीत हासिल की है। भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को उसके अभेद किले ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में हराकर इतिहास रचा है। दरअसल, इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया पिछले 33 साल से एक भी मैच नहीं हारी थी, लेकिन टीम इंडिया ने गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीद बरकरार रखने पर पानी फेर दिया और इस मैच में 3 विकेट से जीत हासिल की।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर अब भी भारत का कब्जा
बता दें कि इससे पहले भारतीय टीम ने फरवरी 2017 और दिसंबर 2018 में खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी थी। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2018 में इतिहास रचा था और पहली बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में टेस्ट सीरीज में पटकनी दी थी। विराट के बिना साल 2021 में भारत की यंग ब्रिगेड ने ये कारनामा कर दिखाया।
रहाणे की कप्तानी में भारतीय टीम ने रचा इतिहास
टीम इंडिया के कप्तान कोहली के पैटरनिटी लीव पर जाने के बाद अजिंक्य रहाणे ने कप्तानी संभाली और दूसरा टेस्ट 8 विकेट से जीतकर सीरीज 1-1 से बराबर कर दी। सिडनी में खेला गया तीसरा टेस्ट ड्रॉ रहा। ऐसे में आखिरी टेस्ट मैच जीतकर रहाणे की कप्तानी में टीम इंडिया ने बेहतरीन प्रदर्शन कर सीरीज पर 2-1 से कब्जा किया।
ऋषभ पंत ने खेली एतिहासिक पारी
ऋषभ पंत ने ब्रिस्बेन टेस्ट की दूसरी पारी में भारतीय टीम को शानदार जीत दिलाने में अहम रोल निभाया। इस मैच में उन्होंने नाबाद 89 रन बानाएं, इसके साथ ही वो टेस्ट क्रिकेट में 1000 रन बनाने वाले सबसे तेज बल्लेबाज/ विकेटकीपर बन गए। उन्होंने कैप्टन कूल रहे एमएस धोनी का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। बता दें कि ऋषभ पंत ने इससे पहले सिडनी टेस्ट मैच में भी जबर्दस्त पारी खेली थी और दूसरी पारी में 97 रन बनाए थे।
ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को सिराज ने किया ध्वस्त
गाबा स्टेडियम में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच के चौथे दिन सिराज ने 5 ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा था। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया केवल 294 रन ही बना पाई थी। पूरे दौरे के दौरान भारतीय खिलाड़ियों के साथ कई बार शर्मनाक बर्ताव किया गया। बावजूद इसके खिलाड़ियों ने अपना मनोबल नहीं गिरने दिया और अपने खेल से कंगारुओं को मुंह तोड़ जवाब दिया।