सार

दिल्ली विधानसभा की ग्रेटर कैलाश सीट (Greater Kailash assembly constituency) सामान्य है। इसे 2008 में बनाया गया था। यह नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। आप के सौरभ भारद्वाज दो बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की ग्रेटर कैलाश सीट (Greater Kailash assembly constituency) सामान्य है। इसे 2008 में बनाया गया था। यह नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। आप के सौरभ भारद्वाज दो बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार भी आप के सौरभ भारद्वाज ने जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी की शिखा दूसरे नंबर पर रहीं।

पहली बार बीजेपी ने दी थी कांग्रेस को मात
साल 2008 में बनी इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच था। जिसपर बीजेपी के विजय कुमार ने कांग्रेस के जितेंद्र कुमार को 11,209 वोट से हराया था। विजय कुमार को कुल 42,206 और जितेंद्र को 30,987 वोट मिले थे। जबकि तीसरे नंबर पर बसपा के राजेंद्र कुमार को 4,486 वोट मिले थे।

बीजेपी के खाते से आप ने छीन ली थी ये सीट
2013 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर आप के सौरभ भारद्वाज ने 43,097 वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। जबकि बीजेपी के अजय कुमार 30,005 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहे थे। जबकि तीसरे नंबर पर कांग्रेस के वीरेंद्र कुमार ने 19,714 वोटों के साथ जगह बनाई थी। 2015 के चुनाव में बीजेपी ने कैंडिडेट बदलते हुए अजय कुमार की जगह राकेश कुमार ​को टिकट दिया लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ। 2015 में आप के सौरभ भारद्वाज 57,589 वोट के साथ विजेता बने। जबकि बीजेपी के राकेश कुमार को 43,006 और कांग्रेस के शर्मिष्ठा को 6,102 वोट से संतोष करना पड़ा।

ग्रेटर कैलाश साउथ दिल्ली का एक पॉश रेजिडेंशियल इलाका है। यहां दिल्ली के नामी-गिरामी और पैसे वाले लोग रहते हैं। यह दो जोन में बंटा है - ग्रेटर कैलाश -1 और ग्रेटर कैलाश-2। यहां बड़े मार्केट, शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल और मंदिर हैं। यहां दिल्ली के बड़े पॉलिटिशियन्स, बिजनेस कम्युनिटी के लोग और बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े लोग भी रहते हैं। ग्रेटर कैलाश-1 के एम और एन ब्लॉक के मार्केट दिल्ली के निवासियों और टूरिस्ट्स के बीच काफी फेमस हैं। यहां कई शॉपिंग मॉल, रेस्तरां और बड़े इंटरनेशनल ब्रांड्स के स्टोर हैं। यहां कई बड़े अस्पताल भी हैं। यहां का श्री राधा कृष्ण मंदिर और दुर्गा बाड़ी मंदिर काफी प्रसिद्ध है, जहां हमेशा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यहां के बाजारों में विदेशी सैलानी बड़ी संख्या में दिखाई पड़ते हैं।