सार

दिल्ली विधानसभा की कालकाजी सीट (Kalkaji assembly constituency) सामान्य है। इसे 1972 में बनाया गया था। यह साउथ दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। कांग्रेस के कैंडिडेट 4 बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की कालकाजी सीट (Kalkaji assembly constituency) सामान्य है। इसे 1972 में बनाया गया था। यह साउथ दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। कांग्रेस के कैंडिडेट 4 बार इस सीट से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस बार आप की अतिशी ने जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी के धर्मवीर सिंह दूसरे नंबर पर रहे।

पहली बार कांग्रेस ने दी थी भारतीय जनसंघ को मात
साल 1972 में बनी इस सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनसंघ और कांग्रेस के बीच था। जिसपर कांग्रेस के वीपी सिंह ने जनसंघ के एसपी बन को 9,683 वोट से हराया था। वीपी सिंह को कुल 24,570 और एसपी बन को 14,887 वोट मिले थे। 

कांग्रेस के खाते से बीजेपी ने छीन ली थी ये सीट
1972 के बाद 1993 में ये सीट बीजेपी के खाते में गई। उसके बाद से लगातार 3 बार 1998, 2003 और 2008 में कांग्रेस ने सीट पर अपना कब्जा जमाए रखा। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस की जीत का सिलसिला तोड़ा और हरमीत सिंह ने 30,683 वोट के साथ जीत दर्ज की थी। आप के धर्मबीर 29,639 वोटों के साथ दूसरे नंबर और कांग्रेस के सुभाष 25,787 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। 2015 में आप ने कैंडिडेट बदल दिया, जिसका उसे फायदा भी मिला। आप के अवतार सिंह ने 55,104 वोटों के साथ जीत दर्ज की। जबकि बीजेपी के हरमीत को 35,335 और कांग्रेस के सुभाष को 13,552 वोट से संतोष करना पड़ा।

कालकाजी दिल्ली का एक प्रमुख इलाका है। यह दक्षिण दिल्ली में स्थित है। यह प्रमुख रूप रेजिडेंशियल इलाका है। यहां मध्यमवर्गीय लोगों के अलावा काफी समृद्ध लोग भी रहते हैं। मुख्य रूप से यह इलाका अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है। कालकाजी मंदिर सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह लोटस टेंपल और इस्कॉन मंदिर के नजदीक स्थित है। कालकाजी मंदिर को 'जयंती पीठ' या 'मनोकामना सिद्ध पीठ' भी कहा जाता है। माना जाता है कि पिछले 3,000 वर्षों से  कालकाजी मंदिर का अस्तित्व है। लोककथाओं के अनुसार, मंदिर का सबसे पुराना हिस्सा 1764 ई. में बनाया गया था। यह भी कहा जाता है कि पांडवों और कौरवों ने भी कालका देवी की पूजा की थी।