सार

उत्पल अपने पिता की पारंपरिक सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। यही वजह है कि उन्होंने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया। उत्पल के पिता मनोहर पर्रिकर का इस सीट पर अच्छा खासा दबदबा रहा। पर्रिकर यहां से 6 बार विधायक थे।

Panaji Election Results 2022: पणजी विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के अतानासियो मोनसेराटे (Atanasio Monserrate) ने निर्दलीय उम्मीदवार उत्पल पर्रिकर (Utpal Parrikar) को करीबी मुकाबले में 716 वोटों से हरा दिया। उत्पल गोवा को पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर के बेटे हैं। बीजेपी उम्मीदवार को जहां 6,787 वोट मिले, तो वहीं उत्पल को केवल 6,071 वोट ही मिले। बीजेपी उम्मीदवार को 38.96 प्रतिशत वोट मिले। वहीं उत्पल को 34.85 प्रतिशत वोट मिले। 

पणजी सीट से जुड़ी खास बातें

गोवा की राजधानी पणजी की विधानसभा सीट के नतीजे आने वाले हैं। ये सबसे हॉट सीट में शामिल है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर चुनावी मैदान में हैं। उत्पल को बीजेपी से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए थे। उत्पल के समर्थन में शिवसेना ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। उत्पल के पिता मनोहर पर्रिकर इस सीट से 6 बार विधायक चुने गए थे।

बीजेपी ने इस सीट पर अतानासियो मोनसेरेट को उतारा था। कांग्रेस से एल्विस गोम्स उम्मीदवार हैं। अब तक पणजी सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन इस चुनाव में समीकरण किसके भारी पड़ेंगे- ये कुछ ही देर बाद साफ हो जाएगा। फिलहाल, पणजी में बहुत करीबी मुकाबला होने के आसार हैं। ये सीट नॉर्थ गोवा जिले में आती है। यहां लगातार 7 बार से भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कब्जा है।

उत्पल इसलिए पणजी से टिकट मांग रहे थे

उत्पल की वजह से पणजी सीट पर भाजपा मुसीबत में फंसती नजर आ रही है। उत्पल अपने पिता की पारंपरिक सीट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। यही वजह है कि उन्होंने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया। उत्पल के पिता मनोहर पर्रिकर का इस सीट पर अच्छा खासा दबदबा रहा। पर्रिकर यहां से 6 बार विधायक थे। वे पहली बार 1994 में विधायक बने। इसके बाद 1994, 2002, 2007, 2012 में भी विधायक बने। 2014 में पर्रिकर केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री बना दिए गए। हालांकि, बाद में जब राज्य में सरकार बनने में पेंच फंसा तो पर्रिकर वापस गोवा लौटे और मुख्यमंत्री बनकर सरकार संभाली। पर्रिकर चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे।

2017 के बाद इस सीट पर दो बार उपचुनाव हुए 

2017 के चुनाव में पणजी विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार सिद्धार्थ श्रीपद जीते और विधायक बने। उन्होंने यूनाइटेड गोवा पार्टी के आतानासियो जे. मोनसेरेट को 1,069 मतों से हराया था। कुछ समय बाद सिद्धार्थ श्रीपद ने मनोहर पर्रिकर के लिए ये सीट खाली कर दी। 2017 के उपचुनाव में मनोहर पार्रिकर ने कांग्रेस के गिरिश चंदनकर को हराया था। 2019 में पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर फिर से उपचुनाव हुए। तब आतानासियो जे. मोन्सरात भाजपा से उम्मीदवार बनाए गए और विधायक चुने गए।

उत्पल के बारे में...

उत्पल अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं और उनकी पत्नी उमा सरदेसाई हैं। उमा ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से पढ़ाई की है। मनोहर पर्रिकर के दूसरे बेटे का नाम अभिजीत है। उत्पल का एक बेटा है और उसका नाम ध्रुव है। उत्पल के पक्ष में शैलेंद्र वेलिंगकर भी जुटे हैं, जिन्होंने शिवसेना प्रत्याशी के तौर पर अपना पर्चा वापस ले लिया था। शैलेंद्र गोवा में आरएसएस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष वेलिंगकर के बेटे हैं।

अतानासियो मोनसेरेट के बारे में

अतानासियो मोनसेरेट पांच बार के विधायक हैं। दो बार युनाइटेड गोवंस डेमोक्रेटिक पार्टी (UGDP) और तीन बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं। अतनासियो का बेटा रोहित सिटी मेयर है, उनकी पत्नी जेनिफर भी विधायक हैं और राज्य सरकार में राजस्व मंत्री हैं। मोनसेरेट 2002 से राजनीति में हैं। मोनसेरेट रियल एस्टेट और हॉस्पिटैलिटी बिजनेस से भी जुड़े हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं।

मतदाताओं की संख्या

पणजी लोकसभा सीट से भाजपा के श्रीपद येस्सो नाइक सांसद हैं। साल 2017 में पणजी विधानसभा क्षेत्र में कुल 22,203 मतदाता थे, जबकि कुल वैध 17,339 मत पड़े थे। मौजूदा समय में यहां 22489 वोटर हैं, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 10619 है। जबकि महिलाओं की संख्या 11870 है।