सार

Gujarat Assembly Election 2022: आम आदमी पार्टी गुजरात में जोरशोर से चुनाव प्रचार कर रही है, मगर एशियानेट न्यूज-सीफोर की टीम को चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में राज्य के लोगों ने जो बताया, वो चौंकाने वाला है। केजरीवाल के वादे पर लोग भरोसा नहीं कर रहे। 

गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने प्री-पोल सर्वे आयोजित किया, जिसमें आम आदमी पार्टी 16 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 5 से 14 सीट हासिल करती दिख रही है, जबकि पार्टी उम्मीद कर रही है कि वह दिल्ली और पंजाब की तरह गुजरात में भी क्लीन स्वीप कर लेगी। मगर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में राज्य की जनता से आप को लेकर जो सवाल पूछे गए, उसके मुताबिक ज्यादातर लोग अरविंद केजरीवाल के वादे पर भरोसा नहीं कर रहे। 

राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तारीखों की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, अगले एक या दो दिन में इसके ऐलान की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद राज्य में आचार संहिता लागू हो जाएगी। एशियानेट न्यूज और सीफोर की टीम ने प्री-पोल सर्वे को 23 सितंबर 2022 से 10 अक्टूबर 2022 के बीच आयोजित किया था। इसमें राज्य की 182 विधानसभा सीट पर एक लाख 82 हजार 557 वोटर्स से विभिन्न मुद्दों पर सवाल कर उनकी राय जानी गई। टीम ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग एक हजार वोटर्स से बात की। इन्हें जाति, धर्म, उम्र, शिक्षा और लिंग के आधार पर चुना गया था। इनसे महंगाई, बेरोजगारी, सड़क, ड्रेनज-सीवेज, पीने के पानी, परिवहन व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, कूड़े के निपटान, बाजार और खेती की संभावनाओं और परेशानियों, बिजली, भ्रष्टाचार, कानून और व्यवस्था और कर्ज सुविधा आदि मुद्दों पर भी सवाल पूछे गए थे। 

भाजपा, कांग्रेस और अन्य के वोट शेयर आप के खाते में! 
एशियानेट न्यूज और सीफोर (Asianet News and CFore) के सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में इस बार भी भाजपा सत्ता में आ रही है। पंजाब और गुजरात की तरह यहां भी आम आदमी पार्टी कांग्रेस की राह में रोड़े अटका रही है। सर्वे में भाजपा न सिर्फ स्पष्ट बहुमत के साथ बल्कि, 27 साल में अब तक के सबसे शानदार प्रदर्शन के साथ सरकार बना रही है। भाजपा इस चुनाव में 48 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 133 से 143 सीटों पर जीत हासिल करती दिख रही है और यह एक रिकॉर्ड है, क्योंकि सिर्फ 2002 के चुनाव में पार्टी ने सबसे ज्यादा 127 सीट हासिल की थी। वैसे, इस बार भाजपा को 2017 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले एक प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान होता दिख रहा है, जबकि कांग्रेस 31 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 28 से 37 सीट पर हासिल करती दिख रही है। इस बार उसे 10 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान भी हो रहा है और माना जा रहा है कि उसके वोट शेयर को आम आदमी पार्टी  नुकसान पहुंचा रही है। इसके अलावा,  आम आदमी पार्टी को 16 प्रतिशत वोट तो मिल रहे हैं, मगर सीट उम्मीद से काफी कम सिर्फ 5 से 14 ही मिलती दिख रही है। अन्य को 5 प्रतिशत वोट के साथ 1 से 3 सीट मिल रही है। इन्हें 5 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान हो रहा है और माना जा रहा है कि ये वोट शेयर भी आप के खाते में जा रहे है। 


गुजरात विधानसभा चुनाव में किनके वोट शेयर मिले आम आदमी पार्टी को-  

  • - भाजपा को इस चुनाव में 1 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान हो रहा है। 
  • - कांग्रेस को इस बार सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान हो रहा है। 
  • - अन्य, जिनमें दूसरी छोटी पार्टी और निर्दलीय शामिल हैं, को 5 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान हो रहा है। 
  • - आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में 16 प्रतिशत वोट शेयर का फायदा हो रहा है। 
  • गणित से समझिए  BJP (1%) + Congress (10%) + Others (5%) = AAP (16%) 

आप को वोट कौन-कौन दे रहा 
वैसे, अरविंद केजरीवाल ही नहीं, पूरी की पूरी आप भी इसकी उम्मीद नहीं कर रही। जनता को मुफ्त के वादे और रेवड़ियां देकर आप इस उम्मीद में उत्साह में दिख रही कि वह दिल्ली और पंजाब के बाद तीसरे बड़े राज्य में भी इस बार खाता खोल लेगी। मगर आप प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा और जो वोट शेयर उसे मिल रहे, वो भाजपा, कांग्रेस और अन्य से नाराज हुए वोटर्स का है। दरअसल, कांग्रेस से नाराज लोग भाजपा के पास नहीं जा रहे बल्कि, आप के पास जा रहे। यही स्थिति अन्य यानी निर्दलीय और छोटी पार्टियों से नाराज वोटर्स का भी है। भाजपा का वोटर्स कहीं नहीं जा रहा। एक प्रतिश्त जो नाराज हैं, वे नए की चाह में केजरीवाल की ओर देख रहे हैं। 

भरोसा क्यों नहीं अरविंद केजरीवाल पर 
दरअसल, 37 प्रतिशत लोग अरविंद केजरीवाल के मुफ्त के वादों से प्रभावित नहीं हैं। वहीं, 64 प्रतिशत  लोग तो यह मान रहे कि आम आदमी पार्टी वादे तो बड़े-बड़े कर रही, मगर ये हवा-हवाइ्र ही साबित होंगे, क्योंकि केजरीवाल इन्हें पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। लोग ये भी मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल से विकास नहीं करते और दिल्ली तथा पंजाब इसके उदाहरण हैं। आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया को सिर्फ 5 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि वे मुख्यमंत्री बनें। 

2017 के चुनाव में BJP को 99,  कांग्रेस को 77 सीट हासिल हुई  
भाजपा गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में 99 सीटों पर जीती थी, जबकि कांग्रेस के कब्जे में 77 सीट आई थी। वहीं, एनसीपी को एक सीट और भारतीय ट्राइबल पार्टी को 2 सीट पर जीत हासिल हुई थी। इस चुनाव में 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी जीते थे। गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव दो चरण में हुए थे। पहले चरण की वोटिंग 9 दिसंबर को 89 सीट पर और दूसरे चरण  की वोटिंग 14 दिसंबर को 93 सीट हुई। कुल 68.41 प्रतिशत लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। वहीं, भाजपा को 2012 के विधानसभा चुनाव में 47.9 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 115 सीट पर जीत हासिल हुई थी और कांग्रेस ने 38.9 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 61 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 

भाजपा को 2002 में 127 और 2007 में 117 सीट पर जीत 
भारतीय जनता पार्टी गुजरात की सत्ता में 1995 से अब तक लगातार बनी हुई है। वैसे, भाजपा इससे पहले 1990 में भी जनता दल के साथ सत्ता में थी। 1992 में राम मंदिर आंदोलन की वजह से यह गठबंधन टूट गया। 2002 के चुनाव में भाजप ने 127 सीटें जीती थीं और यह उसका अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन रहा है। तब चुनाव गुजरात में दंगों के बाद हुआ था। दंगे फरवरी 2002 में हुए थे, जबकि चुनाव दिसंबर 2002 में हुए थे। इसके बाद 2007 के चुनाव में भी पार्टी ने तीन अंकों में सीट हासिल की थी। तब भाजपा को 117 सीट पर जीत मिली थी।   

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