सार
Gujarat Assembly Election 2022: वडोदरा में भाजपा की टेंशन उसके ही एक विधायक ने बढ़ा दी है। दरअसल, मधु श्रीवास्तव नाम के इस विधायक को पार्टी ने टिकट नहीं दिया, तो वे नाराज हो गए और इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए रविवार को एक बड़ा झटका तब लगा, जब 6 बार से उसके एक विधायक ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। दरअसल, मधु श्रीवास्तव नाम के ये विधायक 6 बार से वडोदरा के वाघोडिया सीट से विधायक थे। इस बार पार्टी ने इन्हें टिकट नहीं दिया। इसे मधु नाराज हो गए और इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
मधु ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़कर सबको चौंका दिया और भाजपा आलाकमान की चिंता बढ़ा दी है। मधु छह बार विधायक रहे और उनकी छवि राज्य में दबंग नेता की रही है। उन्होंने कहा कि आज तक एक रुपए का भी भ्रष्टाचार नहीं किया है। पार्टी ने टिकट काटकर मेरा अपमान किया है। खुद कार्यकर्ता भी इससे नाराज थे और उन्होंने ही कहा कि मैं पार्टी छोड़ दूं और निर्दलीय चुनाव लड़ूं। कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान करते हुए मैंने पार्टी से इस्तीफा देने और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
17 दिन बाद पहले चरण के लिए वोटिंग होनी है
बता दें कि इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर होगी। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी और संभवत: उसी दिन देर रात तक अंतिम परिणाम जारी हो जाएंगे। पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी होगा। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय है। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर निर्धारित की गई है।
अश्विनी पंचायत नहीं जीत पाए तो विधानसभा क्या जीतेंगे
यही नहीं, भाजपा की ओर से टिकट नहीं मिलने पर समर्थकों के साथ-साथ परिवार में भी गुस्सा था। मधु की बेटी नीलम का कहना है कि यह मेरे पिता का अपमान है। वे इस बार विधानसभा चुनाव में निर्दलीय लड़ेंगे और सबको जीतकर दिखाएंगे। ये मेरे पिता ही थे, जिन्होंने तालुका जिला पंचायत चुनाव में 20 में से 18 प्रत्याशी को जीता। अश्विनी पटेल तो पंचायत चुनाव नहीं जीत सके, विधानसभा क्या जीतेंगे।
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