सार
Gujarat Assembly Election 2022: भाजपा के लिए गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आप के साथ-साथ बागी भी मुसीबत बन गए हैं। इनमें दो सीट तो ऐसी है, जिसकी चर्चा केवल गुजरात ही नहीं बल्कि, प्रदेश के बाहर भी हो रही।
गांधीनगर। Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में बागियों से केवल कांग्रेस और आप ही नहीं बल्कि, भाजपा भी जूझ रही है। खासकर दो सीट ऐसी है, जहां भाजपा की परेशानी बढ़ी हुई है। दिलचस्प यह है कि दोनों सीट वडोदरा जिले की हैं। इनमें एक है वाघोडिया विधानसभा सीट, जहां से मधु श्रीवास्तव भाजपा उम्मीदवार को टक्कर दे रहे हैं, तो दूसरी है पादरा विधानसभा सीट। यहां से दिनेश यानी दीनू मामा ने मामला उलझा रखा है।
बता दें कि इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में नामांकन का दौर समाप्त हो चुका है। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया 14 नवंबर अंतिम तारीख थी। दूसरे चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया की अंतिम तारीख 17 नवंबर थी। राज्य में पहले चरण की वोटिंग 1 दिसंबर को होगी, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 5 दिसंबर को होगी। वहीं, मतगणना दोनों चरणों की 8 दिसंबर को होगी और संभवत: उसी दिन देर रात तक अंतिम परिणाम जारी हो जाएंगे। पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए गजट नोटिफिकेशन 5 नवंबर को और दूसरे चरण की वोटिंग प्रक्रिया के लिए 10 नवंबर को जारी हुआ था। स्क्रूटनी पहले चरण के लिए 15 नवंबर को हुई, जबकि दूसरे चरण के लिए 18 नवंबर की तारीख तय थी। नाम वापसी की अंतिम तारीख पहले चरण के लिए 17 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 21 नवंबर निर्धारित की गई है।
कांग्रेस से सीट छीनने की तैयारी में थी भाजपा, पर मामा ने उलझा दिया
वडोदरा जिले की पादरा सीट पर पार्टी ने पूर्व विधायक और कद्दावर नेता माने जाने वाले दिनेश पटेल को टिकट नहीं दिया। इससे नाराज लोगों के बीच दीनू मामा के नाम से मशहूर यह नेता निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भाजपा को ही चुनौती देने के लिए मैदान में उतर गया है। इस सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है और भाजपा ने यहां से इस बार चैतन्य सिंह झाला को मैदान में उतारा है। अब भाजपा के सामने कांग्रेस, आप और दीनू तीन चुनौतिया हैं।
6 बार से भाजपा के पास, मगर इस बार आसान नहीं
वडोदरा जिले में ही वाघोडिया विधानसभा सीट पर पार्टी ने इस बार छह बार से मौजूदा बाहुबली कद्दावर विधायक मधु श्रीवास्तव का टिकट नहीं दिया है। पार्टी ने यहां वाघोडिया सीट पर इस बार अश्विनी पटेल को टिकट दिया है। मधु इस बात से नाराज हो गए और इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए। अब वे अनाप-शनाप बोलकर भाजपा कार्यकताओं को धमका भी रहे हैं। भाजपा के लिए यह सीट इतनी आसान नहीं दिख रही इस बार।
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