सार
एंटरटेनमेंट डेस्क. जबसे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आई है, तबसे फ़िल्मी दुनिया में कास्टिंग काउच और सेक्शुअल हैरेसमेंट का मुद्दा फिर से ताज़ा हो गया है। इस बीच एक्ट्रेस विद्या बालन ने फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले कास्टिंग काउच को लेकर अपने विचार साझा किए हैं। उनका कहना है कि अगर एक्ट्रेसेस तैयार ना हों तो कोई भी उनके साथ कुछ गलत नहीं कर सकता। ऐसी कई फिल्म और टीवी एक्ट्रेस हैं, जो अपने कास्टिंग काउच का अनुभव साझा कर चुकी हैं और इनमें से कई तो इतने शॉकिंग हैं कि सुनने वाले का खून खौल उठे। आइए आपको बताते हैं एक एक्ट्रेस के ऐसे ही बुरे अनुभव के बारे में...
नेशनल अवॉर्ड विजेता एक्ट्रेस का शॉकिंग खुलासा
हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे हैं, वे कोई और नहीं, बल्कि नेशनल अवॉर्ड विजेता ऊषा जाधव हैं। 2018 में जब भारत में #MeToo कैंपेन ने जोर पकड़ा था, तब BBC वर्ल्ड ने 'बॉलीवुड डार्क सीक्रेट' नाम से एक डॉक्युमेंट्री रिलीज की थी। इसमें कई एक्ट्रेसेस ने अपनी आपबीती साझा की थी और इन्हीं में शामिल थीं ऊषा जाधव। ऊषा ने खुलासा किया था कि एक प्रोड्यूसर ने फिल्मों में मौक़ा देने के नाम पर उनसे सेक्शुअल फेवर मांगा था।
प्रोड्यूसर की डिमांड को कुछ और समझी थीं ऊषा जाधव
बकौल ऊषा, "मैंने कुछ ऐसा कहा कि 'क्या? मेरे पास पैसे नहीं हैं।' वह बोला, 'नहीं, नहीं, नहीं, नहीं...यह पैसों के बारे में नहीं है। यह आपके साथ सोने की बात है। शायद किसी प्रोड्यूसर के साथ या शायद किसी डायरेक्टर के साथ। या फिर दोनों भी हो सकते हैं।" ऊषा जाधव ने आगे यह भी बताया कि कैसे प्रोड्यूसर ने उन्हें सेक्स के बारे में समझाया। वे कहती हैं, “उसने मुझे समझाना शुरू किया कि एक एक्ट्रेस के तौर पर जितना संभव हो आपको सेक्स करने में ख़ुशी होनी चाहिए और अपनी सेक्शुअलिटी को अपनाना चाहिए।”
निकलने से पहले सेक्शुअल हैरेसमेंट का शिकार हुईं ऊषा
बकौल ऊषा, "उसने मुझे जहां चाहा, वहां छुआ। जहां चाहा, वहां मुझे Kiss किया। मैं हैरान थी। उसने अपना हाथ मेरे कपड़ों के अंदर डाल दिया और फिर मैंने उसे ऐसा करने से मना कर दिया। वह बोला, 'तुम्हे पता है कि अगर तुम वाकई इस इंडस्ट्री में काम करना चाहती हो तो मुझे नहीं लगता कि तुम्हारा रवैया सही है।"
कौन हैं नेशनल अवॉर्ड विजेता ऊषा जाधव?
ऊषा जाधव महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पैदा हुईं और स्पेन में रहती हैं। वे ना केवल हिंदी, बल्कि मराठी फिल्मों की एक्ट्रेस भी हैं। फिल्मों में उनके करियर की शुरुआत 2007 में रिलीज हुई फिल्म 'ट्रैफिक सिग्नल' से हुई थी। कुणाल खेमू और नीतू चंद्रा स्टारर इस फिल्म में उन्होंने माला नाम का छोटा सा किरदार निभाया था। बाद में उन्होंने 'स्ट्राइकर', 'भूतनाथ रिटर्न्स', 'वीरप्पन' और मराठी की 'धाग' और 'फायरब्रांड' जैसी फिल्मों में काम किया। वे टीवी पर 'लाखों में एक' जैसे टीवी शोज में भी नज़र आ चुकी हैं। 2013 में उन्हें मराठी फिल्म 'धाग' के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला था। फिलहाल वे स्पैनिश फिल्मों में काम कर रही हैं।
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