सार
पूर्व आईएएस अधिकारी पापा राव बियाला उर्फ बीवीपी राव ने संयुक्त राष्ट्र में काम किया, सिविल सेवाओं में उनका लंबा करियर रहा, उन्होंने फिल्मों के लिए यह सब छोड़ने का फैसला किया। बियाला शरमन जोशी और श्रिया करन के साथ म्यूजिक स्कूल फिल्म बना चुके हैं।
एंटरटेनमेंट डेस्क । पूर्व आईएएस ऑफीसर पापा राव बियाला ( Papa Rao Biala ) अब फिल्म प्रोडक्शन में रम गए हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा ( Indian Administrative Services) की नौकरी और कद भारत में सबसे प्रतिष्ठित में से एक है। एक आईएएस ऑफीसर समाज में सबसे ज्यादा रेपोटेटिड पोस्ट माना जाता है । देश में लाखों युवा सालों तक यूपीएससी परीक्षा करने के लिए तैयारी करते हैं । इसलिए यदि कोई आईएएस की जॉब छोड़ दे तो किसी के लिए भी ये सरप्राइजिंग होता है। वहीं ये तो और भी शॉकिंग लगता है कि यूएन की नौकरी छोड़कर कोई फिल्म प्रोडक्शन में अपनी किस्मत आज़माए।
बियाला ने कई अहम पदों पर किया काम
हालांकि बियाला ने अपने करियर के शुरुआत में ही फिल्म प्रोडक्शन में जाना तय किया था । हालांकि किस्मत उन्हें सिविल सेवा की तरफ ले गई। पापा राव बियाला 1982 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं। बीवीपी राव उस्मानिया यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट हैं, उन्होंने ने भारत के कई हिस्सों में एक आईएएस अधिकारी के रूप में काम किया है। बियाला 1994-97 तक असम में होम सेक्रेटरी भी रहे। बाद में, उन्हें यूएन में में प्रतिनियुक्ति ( deputation) पर भेजा गया, जहां उन्होंने 1999 में कोसोवो ( Kosovo) में संयुक्त राष्ट्र मिशन में पब्लिक ऑफीसर के तौर पर काम किया। । बाद में, वह 2014-19 तक तेलंगाना सरकार के स्ट्रेटजिक एडवाइजर भी रहे, जिनके पास एक कैबिनेट मंत्री का दर्जा था।
साल 2020 में, उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण ( Sports Authority of India) से इस्तीफा दे दिया, जहां वे शासी निकाय के मेंबर थे। इसके बाद बियाला ने फीचर फिल्म 'म्यूजिक स्कूल' से बॉलीवुड में डेब्यू किया। श्रिया सरन और शरमन जोशी स्टारर यह फिल्म 12 मई 2023 को थिएटर में रिलीज हुई थी। हालांकि ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर कोई खास परफॉरमेंस नहीं दिखा पाई थी।
फिल्म प्रोडक्शन का बचपन से जुनून
पापा राव बियाला ने भले ही एक लंबा समय प्रशासनिक सेवा की अपना नौकरी में बिताया हो, लेकिन फिल्म प्रोडक्शन में उनकी गहरी रूचि रही है। इसकी शुरुआत तब से हुई जब 90 के दशक में उनकी मुलाकात टॉम ऑल्टर से हुई थी । इस दौरान उनकी पहचान राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म मेकर जाह्नु बरुआ से भी हो गई थी । बियाला ने बरुआ से फिल्मों की ट्रेनिंग हासिल की। इसके बाद वह अमेरिका भी गए और 1996 में न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी से फिल्म मेकिंग में डिप्लोमा हासिल किया।
बियाला को मिला नेशनल अवार्ड
बियाला ने 90 के दशक में एक डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म विलिंग टू सैक्रिफाइस ( Willing to Sacrifice ) से फिल्म प्रोडक्शन की थी। । फिल्म ने बेस्ट नॉन-फीचर पर्यावरण/संरक्षण/संरक्षण ( Environment/Conservation/Preservation) फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। इसके बाद, बियाला आईएएस की नौकरी में वापस चले गए, लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने फिल्म प्रोडक्शन को फिर से शुरू करने का फैसला किया।