Thamma Review: आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की हॉरर-कॉमेडी 'थामा' डर, रोमांस और इमोशन का मिश्रण है। यह मैडॉक के हॉरर-वर्स को आगे बढ़ाती है, जिसमें दमदार एक्टिंग और दिलचस्प कहानी है। ऐसे में आइए सबसे पहले पढ़ते हैं फिल्म का रिव्यू..

आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की हॉरर कॉमेडी फिल्म 'थामा' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। जब से इस फिल्म का ट्रेलर आया था, तब से फैंस इसकी रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह फिल्म हॉरर को सिर्फ डर तक सीमित नहीं रखती, बल्कि उसमें प्यार, इमोशन और एक अनोखी सी उम्मीद भी जोड़ देती है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं फिल्म का रिव्यू।

कैसी है 'थामा' की कहानी?

फिल्म 'थामा' की कहानी की शुरुआत एक छोटे शहर के पत्रकार आलोक गोयल (आयुष्मान खुराना) से होती है, जो एक रहस्यमयी और अलौकिक घटना का अनुभव करता है। ऐसे में ताड़का (रश्मिका मंदाना) उसकी जान बचाती है। इस दौरान आयुष्मान को रश्मिका से प्यार हो जाता है। फिल्म का पहला पार्ट रोमांस और अजीबोगरीब कॉमेडी के बीच आत्मविश्वास से झूलता है, लेकिन दूसरे पार्ट में थम्मा पूरी तरह से अपनी जगह बना लेती है। आलोक और भेड़िया (वरुण धवन) की टक्कर थिएटर में जबरदस्त हलचल मचाती है, लेकिन असली चौंकाने वाला मोड़ तब आता है जब इस संघर्ष के पीछे छिपा गहरा संबंध सामने आता है, एक ऐसा रहस्य जो पूरे हॉरर-वर्स के भविष्य को आकार दे सकता है। यह कहानी दर्शकों को एक रहस्यमय जंगल की ओर ले जाती है, जहां सदियों पुराने राज अब भी जीवित हैं। जंगल की यह दुनिया अपने ही नियमों, श्रापों और रहस्यमय भावनाओं के साथ बुनी गई है, जो दर्शकों को एक अनोखे सफर पर ले जाती है। 'थामा' केवल डराने की कोशिश नहीं करती, बल्कि यह इंसानियत, भरोसे और हल्की-फुल्की कॉमेडी के साथ एक गहरी और इमोशनल जर्नी का अनुभव भी कराती है।

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कैसी है 'थामा' के स्टारकास्ट की एक्टिंग?

फिल्म 'थामा' में आयुष्मान खुराना की एक्टिंग ने दर्शकों के दिलों को छू लिया है। रश्मिका मंदाना ने अपनी सहज, ईमानदार और भावनाओं से भरपूर परफॉर्मेंस से दर्शकों को बांधे रखा और दिल की धड़कनें तेज कर दी हैं। परेश रावल ने अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से फिल्म में कॉमेडी का तड़का लगाया, जबकि नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने अपने किरदार से कहानी में रोमांच और गहराई भर दी। सत्यराज की वापसी 'एल्विस' के किरदार के रूप में न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि उनके आने से कहानी में एक दिलचस्प ट्विस्ट भी आता है। वहीं, नोरा फतेही का कैमियो फिल्म में एक खास इमोशनल जुड़ाव लाता है, जो 'स्त्री' की कहानी से संबंध बनाते हुए 'थामा' को और भी खास और जुड़ा हुआ अनुभव बनाता है।

'थामा' में क्या है खास?

'थामा' सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक संकेत है कि मैडॉक अब अपने हॉरर-वर्स को एक साथ बुन रहा है। सर कटा की झलक, पुराने किरदारों का फिर से आना और भविष्य की जंग के संकेत, यह दिखाते हैं कि कुछ बड़ा और धमाकेदार आने वाला है। 'थामा' की बात करें, तो यह फिल्म डराते हुए भी दिल को छू लेती है। थामा हंसी, डर, और प्यार का ऐसा ट्रिपल धमाका है, जो इस दिवाली आपके दिल में जगह बना लेगा। ऐसे में इस वीकेंड अगर आप कुछ नया और एंटरटेनमेंट से भरपूर देखना चाहते हैं तो यह आपके और आपके अपनों के लिए एक सही चॉइस है। हम इस फिल्म को पांच में से चार स्टार देते हैं।