डायरेक्ट एक्शन डे के इतिहास पर केंद्रित, द बंगाल फाइल्स 1946 के कोलकाता में बंगाल के हिंदू नरसंहार और सांप्रदायिक हिंसा को उजागर करती है। विवेक अग्निहोत्री निर्देशित फिल्म के ये 8 डायलॉग पूरी कहानी और स्थिति को बयां कर देते हैं। 

The Bengal Files Movie Dialogues: फिल्ममेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री की द बंगाल फाइल्स इस साल की मोस्ट अवैटेड फिल्मों में से एक है। 16 अगस्त 1946 को कोलकाता में हुए डायरेक्ट एक्शन डे की ऐतिहासिक घटनाओं पर बनी ये फिल्म, डायरेक्टर की मशहूर ट्रुथ-रिवीलिंग ट्रायोलॉजी का आखिरी चैप्टर है। इससे पहले विवेक रंजन अग्निहोत्री द ताशकंद फाइल्स और द कश्मीर फाइल्स बना चुके हैं। हार्ड-हिटिंग टीज़र के बाद ट्रेलर ने ऑडियंस को फिल्म की बेबाक कहानी की पहली झलक दिखाई थी, जो कोलकाता में लॉन्च किया गया। जहां ट्रेलर ने अपने विजुअल्स और कहानी से हलचल मचाई, वहीं असली असर इसके डायलॉग्स ने डाला। तो चलिए पढ़ते हैं द बंगाल फाइल्स के ट्रेलर के 8 डायलॉग्स…

1). सोचो, सन 2050, जब यह इंडिया का पहले युवा माइनॉरिटी प्राइम मिनिस्टर बनेगा, तब हमारी डेमोक्रेसी की कितनी बड़ी जीत होगी।

ये शुरुआती डायलॉग फिल्म की कहानी को साफ़ तौर पर सामने रखते हैं। असरदार और गहरी छाप छोड़ने वाला ये डायलॉग बता देता है कि फिल्म किस बारे में होने वाली है।

2). ये भारत नहीं है, ये पश्चिम बंगाल है। यहां पे दो कॉन्स्टीट्यूशन चलता है। एक हिंदुओं का, और दूसरा ये मुसलमानों का।

ये डायलॉग हमें आज़ादी के शुरुआती दौर के कोलकाता में ले जाते हैं। इसमें दिखाया गया है कि कैसे बंगाल में भारतीय संविधान दो हिस्सों में बंट गया था, एक हिंदुओं के लिए और दूसरा मुसलमानों के लिए।

3). पाकिस्तान से दिल नहीं भरा तो जिन्ना को कोलकाता भी चाहिए। इस लिए वो डायरेक्ट एक्शन डे मना रहा है।

यह डायलॉग मोहम्मद अली जिन्ना की सोच को दर्शाता है। पाकिस्तान बन जाने के बाद, उसकी नजरें पश्चिम बंगाल पर थीं।

4). भारत हिंदुओं का राष्ट्र है, पर इस युद्ध में हिंदू हार रहे हैं। जीत कौन रहा है? जिन्ना। क्योंकि हम सब नशे में चूर हैं और उस नशे का नाम है गांधी की अहिंसा।

यह एक मजबूत डायलॉग है जो हिंदुओं की सुरक्षा के लिए खड़ा होता है और लोगों को हिंदू नरसंहार से बचाने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह महात्मा गांधी की अहिंसा की विचारधारा के खिलाफ भी खड़ा होता है।

5). अगर बंगाल पाकिस्तान को दे दोगे, तो क्या बंगाली संगीत, बंगाली भाषा, और बंगाली खाने को भी दे दोगे? बंगाल को मारोगे तो भारत-भारत नहीं रहेगा। ज़मीन का टुकड़ा नहीं, इंडिया का लाइटहाउस है बंगाल।

यह डायलॉग भारत में बंगाल के महत्व को दर्शाता है। यह संस्कृति, संगीत, लोग, खाना के बारे में है, जो सब भारत का हिस्सा हैं और बंगाल हमारे देश का एक लाइटहाउस है।

6). जो पार्टीशन 1947 में शुरू हुआ था, वो आज तक चल रहा है और कभी खत्म ही नहीं होगा।

यह डायलॉग भारत की स्वतंत्रता के समय हुए बंटवारे पर प्रकाश डालता है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि 1947 में भारत ने बंटवारे का जो दंश झेला था, वह कहीं ना कहीं आज भी नहीं रुका है।

7). क्यों आज किसी भारतीय की जान की कोई कीमत नहीं? क्यों आजादी के 80 साल बाद भी हम उसी कम्युनल पॉलिटिक्स से लड़ रहे हैं। क्या हम आज़ाद हैं? और अगर आज़ाद हैं तो इतना बेबस क्यों है?

यह डायलॉग भारत में लोकतंत्र पर रोशनी डालता है। यह उस लोकतंत्र पर सवाल उठाता ह, जहां लोग अभी भी कम्युनल पॉलिटिक्स से जूझ रहे हैं।

8). तू बता सकता है, इन में से, वी द पीपल ऑफ भारत कौन है? भारतीय कौन है?

यह डायलॉग ट्रेलर को एक मजबूत संदेश के साथ समाप्त करता है। इसमें कहा गया है कि सभी समान हैं, 'हम भारत के लोग' और 'भारतीय' हैं।

कब रिलीज होगी विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’?

​'द बंगाल फाइल्स' को विवेक रंजन अग्निहोत्री ने लिखा और डायरेक्ट किया है। इसे अभिषेक अग्रवाल, पल्लवी जोशी और विवेक रंजन अग्निहोत्री ने प्रोड्यूस किया है। ​फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार जैसे कलाकार हैं। ​यह फिल्म तेज नारायण अग्रवाल और आई एम बुद्धा प्रोडक्शंस द्वारा पेश की गई है। यह विवेक अग्निहोत्री की 'फाइल्स' ट्रायोलॉजी का हिस्सा है, जिसमें 'द कश्मीर फाइल्स' और 'द ताशकंद फाइल्स' भी शामिल हैं। ​यह फिल्म 5 सितंबर, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।