सार

इस फिल्म के निर्माण में 100-160 मिलियन डॉलर का निवेश किया गया था। मुस्लिम नायक की कहानी वाली फिल्म देखने के लिए लोग सिनेमाघरों में नहीं उतरे।

बॉलीवुड में किसी भी हीरो की सफलता उसके हिट और फ्लॉप फिल्मों से आंकी जाती है। कभी-कभी कम बजट की फिल्में भी उम्मीद से बढ़कर कमाई कर लेती हैं, तो वहीं करोड़ों के निवेश और जबरदस्त प्रचार के बावजूद कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर जाती हैं। कुछ फिल्में विवादों के कारण हिट हो जाती हैं, तो कुछ गुमनामी में खो जाती हैं। यही वजह है कि फिल्म निर्माण में भारी जोखिम होता है। आज हम जिस फिल्म की बात कर रहे हैं, वह दुनिया की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक है। यह कोई बॉलीवुड फिल्म नहीं, बल्कि हॉलीवुड फिल्म है। 

दुनिया की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक 1999 में रिलीज हुई थी। अमेरिका में बनी इस फिल्म का नाम था "The 13th Warrior". एक्शन और फिक्शन से भरपूर इस फिल्म के निर्माण में पूरी टीम ने कड़ी मेहनत की थी। बड़े बजट और भव्य निर्माण के कारण यह एक महंगी फिल्म थी। फिल्म की कहानी बगदाद के यात्री अहमद इब्न फडलान के जीवन पर आधारित थी, जिसे जॉन मैकटियर्नन ने निर्देशित किया था। लेकिन फिल्म से उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं हो पाई।

 

90 के दशक में जॉन मैकटियर्नन एक प्रसिद्ध एक्शन फिल्म निर्देशक थे। फिल्म के लिए हर कलाकार को बड़ी सावधानी से चुना गया था। एंटोनियो बैंडेरस, व्लादिमीर कुलिक और डेनिस जैसे प्रसिद्ध अभिनेता प्रमुख भूमिकाओं में थे। उस समय फिल्म का बजट 100-160 मिलियन डॉलर था। इतने बड़े बजट में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर केवल 60 मिलियन डॉलर ही कमा पाई। यही वजह है कि इसे दुनिया की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक माना जाता है।

लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर क्यों पिट गई? विश्लेषकों का मानना है कि फिल्म की कहानी ही इसकी असफलता का कारण बनी। अमेरिका में बनी इस फिल्म में एक मुस्लिम हीरो था। उस समय अमेरिकी दर्शक इसे पसंद नहीं कर पाए। फिल्म के नायक को मुस्लिम भूमिका में देखना उन्हें पसंद नहीं आया और यही वजह है कि लोग इसे देखने सिनेमाघरों में नहीं गए। शानदार एक्शन दृश्यों और भव्य निर्माण के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई।