बेलमकोंडा साई श्रीनिवास और अनुपमा परमेश्वरन की फिल्म किष्किन्धापुरी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म के डायरेक्टर कौशिक पेगल्लापति हैं और इसे साहू गरपति ने प्रोड्यूस किया है। ये एक हॉरर थ्रिलर फिल्म है।
बैरवा के बाद बेलमकोंडा साई श्रीनिवास ने एक हॉरर फिल्म के साथ कमबैक किया है। कौशिक पेगल्लापति द्वारा निर्देशित फिल्म किष्किंधापुरी में उनके साथ अनुपमा परमेश्वरन लीड रोल में हैं। शाइन स्क्रीन्स द्वारा निर्मित ये मूवी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। इसमें तनिकेला भरानी, श्रीकांत अयंगर, हाइपर आदि, मकरंद देशपांडे, सुदर्शन भी नजर आ रहे हैं। इस हॉरर थ्रिलर को फिल्म क्रिटिक्ट से अच्छे रिव्यू मिले हैं। साथ ही मूवी के लिए दर्शकों में क्रेज भी देखा जा रहा है।
कैसी है फिल्म किष्किंधापुरी की कहानी
डायरेक्टर कौशिक पेगल्लापति की फिल्म किष्किंधापुरी एक डरावनी फिल्म है। इसमें दिखाया कि राघव (बेल्लमकोंडा साईं श्रीनिवास) और मैथिली (अनुपमा परमेश्वरन) लिव-इन पार्टनर है और दोनों ही किष्किंधापुरी शहर में डरावनी जगह का टूर कराने वाली एक कंपनी में काम करते हैं। एक टूर के दौरान वे लोगों के ग्रुप को एक पुराने रेडियो स्टेशन सुवर्णमय पर ले जाते हैं। यहां अजीबोगरीब घटनाएं होती हैं। एक पुराना रेडियो अचानक चलने लगता है, जिससे सभी डर जाते हैं। राघव को एक अलौकिक शक्ति का आभास होता है और वो दूसरों को इस भूतिया जगह से निकलने में मदद करने की कोशिश करता है, लेकिन अचानक विजिटर्स एक के बाद एक रहस्यमयी तरीके से मरने लगते हैं। इन मौतों के पीछे कौन है? विजिटर्स को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या राघव और मैथिली सच्चाई उजागर कर पाए? इस संबंध में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। फिल्म का क्लाइमैक्स रोंगटे खड़े करना वाला है।
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फिल्म किष्किंधापुरी में कैसी है स्टारकास्ट की परफॉर्मेंस
फिल्म किष्किंधापुरी में बेल्लमकोंडा साईं श्रीनिवास और अनुपमा परमेश्वरन ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। साईं श्रीनिवास के एक्सप्रेशन-इमोशन काफी शानदार रहे। साथ ही एक्शन सीन्स भी उन्होंने हमेशा की तरह बेहतर तरीके से परफॉर्म किए। अनुपमा ने अपने किरदार को बेहतरीन तरीके से पेश किया है। बीच-बीच उनके किरदार में कुछ सस्पेंस भी देखने को मिला। फिल्म के अन्य कलाकारों का काम भी बढ़िया रहा। मेकर्स एक डरावना माहौल बनाने में काफी हद तक कामयाब रहे हैं, जो एक हॉरर फिल्म का सबसे अहम पहलु होता है।
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कैसा है फिल्म किष्किंधापुरी का डायरेक्शन और बैकग्राउंड स्कोर
निर्देशक कौशिक पेलागापति ने शुरुआत में कॉमेडी और रोमांटिक सीन्स दिखाए और फिर बहुत ही चतुराई से इसे हॉरर जोन की तरफ मोड़ दिया। शुरू से लेकर आखिरी तक डायरेक्टर ने मूल विषय को पकड़े रखा। यही वजह है कि फिल्म में कहीं भी भटकाव नजर नहीं आया। बीच में एक रोमांटिक गाना और कुछ मजेदार सीन्स दर्शकों को इम्प्रेस कर रहे हैं। प्रोडक्शन डिजाइनर मनीषा दत्त और कला निर्देशक शिव कामेश ने फिल्म का मूड और लुक बखूबी सेट किया है, जिसे देखने का अनुभव और भी बेहतर रहा। फिल्म में हॉरर सीन्स को परफेक्टली पेश किया गया। कई सीन्स ने जोरदार झटके भी दिए। फिल्म के क्लाइमैक्स को जिस तरह से बनाया गया है, वो बहुत ही शानदार है साथ ही दिमाग हिला देने वाला है।
