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मेगा परिवार में दरार: ये है पवन कल्याण और अल्लू अर्जुन के बीच अनबन की असली वजह
हालिया घटनाओं से मेगा परिवार में दरार की अटकलें तेज हो गई हैं, खासकर पवन कल्याण और अल्लू अर्जुन के बीच मतभेदों के बाद। अल्लू अर्जुन द्वारा पवन कल्याण के राजनीतिक विरोधियों का समर्थन करने से विवाद शुरू हुआ, जिससे प्रशंसकों के बीच ऑनलाइन बहस छिड़ गई।
| Published : Sep 05 2024, 07:14 PM IST
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ऐसा लगता है कि मेगा फैमिली अब दो हिस्सों में बंटने वाली है। हालिया घटनाक्रम से दोनों परिवारों के बीच दूरियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। आंध्र प्रदेश चुनाव के दौरान शुरू हुआ विवाद अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, अल्लू अर्जुन पर पवन द्वारा की गई अप्रत्यक्ष टिप्पणी और पवन पर बनी द्वारा की गई अप्रत्यक्ष टिप्पणी ने बवाल मचा दिया है।
पवन और बनी के बीच इस विवाद के बाद से ही सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से जंग छिड़ी हुई है। दोनों हीरो के फैंस इंटरनेट पर एक-दूसरे पर भड़ास निकाल रहे हैं। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। एक-दूसरे को बुरी तरह ट्रोल कर रहे हैं। इस विवाद को लेकर अल्लू परिवार या मेगा परिवार की तरफ से कोई सफाई नहीं आई है।
इससे साफ जाहिर होता है कि दोनों परिवारों के बीच तनातनी चल रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस विवाद की वजह क्या है? अगर इस विवाद की जड़ों को खंगाला जाए तो..
आपको बता दें कि पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी जनसेना से चुनाव लड़ा था। उन्होंने टीडीपी और बीजेपी के साथ मिलकर अपनी पार्टी से 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इस चुनाव में पवन की जीत के लिए पूरे मेगा परिवार ने उनका साथ दिया था। चिरंजीवी ने वीडियो जारी कर समर्थन का ऐलान किया था। राम चरण, वरुण तेज, साई धर्म तेज खुद चुनाव प्रचार में उतरे थे।
निर्माता अल्लू अरविंद भी पवन के समर्थन में पीठापुरम गए थे। अल्लू अर्जुन ने भी ट्विटर पर पवन का समर्थन करते हुए पोस्ट किया था। लेकिन अगले ही दिन, अल्लू अर्जुन वाईएसआरसीपी के नंदयाल विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार शिल्पा रविचंद्र रेड्डी के लिए प्रचार करने नंदयाल गए। माना जा रहा है कि यही असली विवाद की जड़ है।
अपने ही मामा के लिए प्रचार करने के बजाय, पवन के विरोधी पार्टी के उम्मीदवार के लिए बनी का प्रचार करना ही असली विवाद की शुरुआत थी। पवन के फैंस, जनसेना के समर्थक और मेगा फैंस इसे बर्दाश्त नहीं कर सके। उन्होंने सोशल मीडिया पर आलोचना की। बनी को बुरी तरह ट्रोल किया गया। वहीं, बनी के फैंस ने भी पवन और मेगा फैमिली पर भड़ास निकाली। इससे सोशल मीडिया पर जमकर बवाल हुआ।
नागबाबू के बयान से साफ है कि मेगा फैमिली ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। चुनाव प्रचार खत्म होते ही, नागबाबू ने ट्वीट किया, 'जो हमारे साथ रहकर विरोधियों का काम करता है, वो अपना होकर भी पराया होता है.. और जो हमारे साथ खड़ा होता है, वो पराया होकर भी अपना होता है..' उनका ये ट्वीट सोशल मीडिया पर छा गया।
माना जा रहा है कि नागबाबू ने ये ट्वीट अल्लू अर्जुन पर निशाना साधते हुए किया था। इससे बवाल मच गया। इसके बाद नागबाबू ने कुछ देर बाद ही अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। इसके बाद, निहारिका ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह उनका निजी मामला है। लेकिन वो ये नहीं कह सकीं कि उनके बीच सबकुछ ठीक है।
इस बीच, बनी वासु ने कहा कि जो हुआ सो हुआ, उम्मीद है कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा। उन्होंने बहुत सोच-समझकर बयान दिया। विश्लेषकों का मानना है कि इन घटनाओं से साफ है कि विवाद सिर्फ पवन और बनी के बीच ही नहीं, बल्कि मेगा और अल्लू परिवार के बीच भी है।
हाल ही में, पवन ने डिप्टी सीएम बनने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि आजकल दुर्भाग्य से हीरो ही रेड सैंडल स्मगलिंग पर फिल्में बना रहे हैं। सबने कहा कि वो बनी पर तंज कस रहे हैं। इसी बीच, हाल ही में एक फिल्म समारोह में बनी ने भी एक विवादित बयान दिया।
उन्होंने मंच से कहा, 'मैं अपने चाहने वालों के लिए कुछ भी कर सकता हूं, मैं उनके लिए कहीं भी जा सकता हूं।' माना जा रहा है कि वो पवन पर निशाना साध रहे थे। इन घटनाओं ने विवाद को और हवा दे दी है।
लेकिन अगर देखा जाए कि बनी ने पवन के लिए प्रचार क्यों नहीं किया, वो उनकी विरोधी पार्टी के लिए प्रचार करने क्यों गए, तो इसके पीछे एक बड़ी कहानी छिपी हुई है। पता चला है कि पवन के साथ उनकी अनबन काफी पुरानी है।
साल 2017 में, अल्लू अर्जुन की फिल्म 'सरैनोडु' के एक कार्यक्रम में पवन के फैंस ने हंगामा कर दिया था। फैंस ने पवन के बारे में कुछ बताने के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे नाराज बनी ने कहा, 'मैं अपने भाई के बारे में कुछ नहीं कहूंगा।' बनी को कई मौकों पर ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। उस दिन वो फूट पड़े थे।
इसके बाद एक और कार्यक्रम में उन्होंने पवन के बारे में कुछ नहीं कहा, बल्कि चिरंजीवी के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि वो चिरंजीवी को अपना आदर्श मानते हैं और वो ही उनके गॉडफादर हैं। लेकिन उन्होंने पवन के बारे में कुछ नहीं कहा। तब से ही ऐसी खबरें आने लगी थीं कि पवन के मामले में बनी नाराज हैं। दोनों के बीच अनबन की अफवाहें उड़ने लगी थीं।
हालांकि, इसके बाद दोनों मिले थे। 'ना पेरू सूर्या ना इल्लू इंडिया' के कार्यक्रम में पवन बतौर अतिथि शामिल हुए थे। उस दौरान, बनी ने पवन की खूब तारीफ की थी। इससे सबको लगा था कि उनके बीच सबकुछ ठीक है। लेकिन ताजा घटनाक्रम को देखकर लगता है कि अंदर ही अंदर खाई बढ़ती जा रही है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि अल्लू अर्जुन ऐसा करके कोई बड़ा दांव खेल रहे हैं। वो कोई बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं। अब तक बनी 'मेगा' की छत्रछाया में ही रहे हैं। वो मेगा फैमिली के हीरो के तौर पर ही पहचाने जाते हैं। मीडिया भी उन्हें ऐसा ही लिखती है। भले ही 'अल्लू' परिवार का भी फिल्मी बैकग्राउंड रहा है, रामलिंगैया की विरासत रही है, लेकिन मेगास्टार चिरंजीवी के बाद उनके सपोर्ट से ही बाकी हीरो आगे बढ़े हैं, इसलिए उन्हें मेगा फैमिली के हीरो ही कहा जाता है।
लेकिन बनी अब पैन-इंडिया स्टार बन चुके हैं। 'पुष्पा' फिल्म ने उनका रुतबा बदल दिया है। 'पुष्पा 2' के साथ वो ग्लोबल मार्केट को टारगेट कर रहे हैं। इस बार वो कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं। अगर ये फिल्म हिट होती है तो वाकई में बनी का मार्केट, उनकी इमेज, उनका क्रेज बढ़ जाएगा। फिर उन्हें मेगा हीरो कहलाने की जरूरत नहीं होगी।
वो खुद ही आगे बढ़ सकते हैं, खुद को साबित कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इसी प्लानिंग के तहत बनी ने ऐसा फैसला लिया है, वो इसी रणनीति के साथ आगे बढ़ रहे हैं, सीधे शब्दों में कहें तो 'मेगा' की छत्रछाया से बाहर निकलने के लिए अल्लू अर्जुन आगे बढ़ रहे हैं, ये बातें फिल्म इंडस्ट्री में चल रही हैं। इसमें कितनी सच्चाई है, ये तो वक्त ही बताएगा।
लेकिन फिलहाल विश्लेषकों का कहना है कि पवन और अल्लू अर्जुन के बीच का विवाद मेगा और अल्लू परिवार के बीच दूरियां बढ़ा रहा है। देखना होगा कि इस विवाद का अंत कब होता है।