सिनेमा में महिलाओं को सिर्फ ग्लैमर डॉल की तरह देखना बंद होना चाहिए और उन्हें पेशेवर कलाकारों की तरह सम्मान मिलना चाहिए। टॉलीवुड की एक्ट्रेस ने साफ संदेश दिया है कि अब "यह तो बस एक मजाक है" कहकर चुप नहीं रहा जाएगा।

हैदराबाद: तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री का मतलब सिर्फ भव्य सेट, मास हीरो का एक्शन और करोड़ों के बजट की फिल्में ही नहीं हैं। इसकी चमकती स्क्रीन के पीछे महिला कलाकारों को झेलनी पड़ने वाली एक काली सच्चाई अब खुलकर सामने आ रही है। "यह तो बस एक मजाक ही है ना?" की आड़ में होने वाले लैंगिक भेदभाव (कैजुअल सेक्सिज्म) और दोहरे मतलब वाली बातों के खिलाफ टॉलीवुड की महिला संगठनों और एक्ट्रेस ने अब जंग छेड़ दी है।

‘माफी’ मांगना क्या सिर्फ फिल्में बचाने के लिए है?

हाल ही में एक्टर शिवाजी के महिला सहकर्मियों के कपड़ों पर दिए गए विवादित बयानों ने एक बड़ी आग लगा दी है। इसी को देखते हुए 'वॉयस ऑफ वीमेन' (Voice of Women, TFI) संगठन अब मैदान में उतर आया है। एक्ट्रेस और डायरेक्टर जीविता राजशेखर ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जब कोई किसी महिला का अपमान करता है तो सिर्फ अन्विता या चिन्मयी जैसी गिनी-चुनी महिलाएं ही क्यों आवाज उठाती हैं? फिल्म इंडस्ट्री के बड़े लोग चुप क्यों रहते हैं? फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल होना चाहिए।"

यह 'मजाक' नहीं, हमारे सम्मान का सवाल है!

सामाजिक कार्यकर्ता सुनीता कृष्णन के मुताबिक, "एक्टर या डायरेक्टर विवादित बयान देने पर माफी मांगते हैं। लेकिन इस माफी के पीछे पछतावा नहीं होता, बल्कि यह डर होता है कि कहीं उनकी फिल्म फ्लॉप न हो जाए।"

चुप्पी भी एक अपराध है: अनसूया भारद्वाज का गुस्सा

एक्ट्रेस अनसूया भारद्वाज ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया जो सबका ध्यान खींच रहा है। "अगर दस पुरुषों में से एक पुरुष किसी महिला पर भद्दा मजाक करता है, तो दो हंसते हैं और बाकी चुप रहते हैं। यही चुप्पी ऐसे बर्ताव को बढ़ावा देती है" इस संदेश के जरिए उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर पुरुष एक्टर ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज नहीं उठाते हैं तो यह सिस्टम नहीं सुधरेगा।

टॉलीवुड में महिलाओं का मजाक उड़ाने वाली 'टॉप' घटनाएं

शिवाजी की ‘नैतिक पुलिसगिरी’: एक्टर शिवाजी ने हाल ही में महिलाओं के कपड़ों पर अपमानजनक बातें की थीं। बाद में माफी मांगने के बावजूद, तेलंगाना महिला आयोग ने उन्हें समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था।

त्रिनाथ राव नक्कीना का 'साइज' कमेंट: 'मजाका' फिल्म के टीजर लॉन्च पर डायरेक्टर त्रिनाथ राव ने पुरानी एक्ट्रेस अंशु के शरीर के वजन और साइज पर सार्वजनिक रूप से कमेंट करके उन्हें शर्मिंदा किया था। उनकी बात "तेलुगु सिनेमा के लिए इतना साइज काफी नहीं है" की खूब आलोचना हुई।

प्रोड्यूसर एसकेएन की दोहरे मतलब वाली बातें: 'ड्रैगन' कार्यक्रम में यह कहते हुए कि हमें तेलुगु एक्ट्रेस से ज्यादा बिना भाषा जानने वाली एक्ट्रेस पसंद हैं, उन्होंने फल-सब्जियों का उदाहरण देकर दोहरे मतलब वाले इशारे किए, जिससे सोशल मीडिया पर गुस्सा भड़क गया।

अली का हद से ज्यादा बर्ताव: कॉमेडियन अली ने कई मंचों पर अनुष्का शेट्टी और सामंथा के शरीर के अंगों के बारे में भद्दी बातें की हैं। अनुष्का की तुलना 'जलेबी' से करना और सामंथा की कमर पर कमेंट करना आज भी टॉलीवुड पर काले धब्बे की तरह हैं।

बालकृष्ण की पुरानी आदत: सीनियर एक्टर नंदमुरी बालकृष्ण ने पहले एक गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया था कि "मैं एक्ट्रेस के पीछे नहीं जाता, सीधे किस करता हूं या उन्हें प्रेग्नेंट कर देता हूं।" हाल ही में एक्ट्रेस अंजलि को मंच पर धक्का देना भी एक बड़ा विवाद बन गया था।

सिनेमा में महिलाओं को सिर्फ ग्लैमर डॉल की तरह देखना बंद होना चाहिए और उन्हें पेशेवर कलाकारों की तरह सम्मान मिलना चाहिए। "यह तो बस एक मजाक है" कहकर चुप रहना अब आगे नहीं चलेगा, टॉलीवुड की एक्ट्रेस ने यह साफ संदेश दिया है। यह देखना होगा कि पर्दे पर हीरो बनने वाले क्या असल जिंदगी में भी महिलाओं के सम्मान की रक्षा करेंगे।