सार

1985 में आया टीवी शो 'रजनी' अपनी सादगी और साहस के लिए जाना जाता था। सरकार की नाकामियों को उजागर करने के कारण यह शो विवादों में घिर गया और कथित तौर पर सरकार के दबाव में इसे बंद करना पड़ा।

एंटरटेनमेंट डेस्क. फिल्मों और टीवी शोज का विवादों में घिरना कोई नई बात नहीं है। लेकिन जब किसी शो या फिल्म के विवाद से सरकार जुड़ जाती है तो जाहिरतौर पर वह चर्चा का विषय बन जाता है। ऐसा ही एक शो 1985 में आया था, जिसमें शाहरुख़ खान और सुभाष घई जैसे दिग्गजों ने कैमियो किया था। लेकिन यह शो इस कदर विवादों में रहा कि कथिततौर पर तत्कालीन सरकार ने इसे बंद करने का आदेश तक दे दिया था। आज हम आपको इसी शो के बारे में बता रहे हैं…

टीवी का अब तक सबसे विवादित शो

हम जिस शो की बात कर रहे हैं उसका नाम है 'रजनी', जो सुनने में एकदम साधारण सा जान पड़ता है, लेकिन इस शो ने सरकार की नाक में दम कर दिया था। शो की कहानी करण राजदान ने लिखी थी, जबकि इसका निर्देशन दिग्गज डायरेक्टर बासु चटर्जी ने किया था। इस शो में मुख्य भूमिका प्रिया तेंदुलकर की थी, जो दिग्गज राइटर और पॉलिटिशियन रहे विजय तेंदुलकर की बेटी थीं। प्रिया आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उन्हें इस शो के लिए अब भी याद किया जाता है।

ऐसा क्या था 'रजनी' में कि विवाद खड़ा हो गया था?

'रजनी' की कहानी एक साधारण, लेकिन साहसी महिला रजनी की है, जिसका रोल प्रिया तेंदुलकर ने निभाया था। इस शो ने 1980 के दशक में सरकार की नाकामियों और लापार्वाहियों को अपना आधार बनाया था। रजनी आम लोगों की परेशानियों के खिलाफ लड़ने को खड़ी थी। शो में बताया गया था कि 80 के दशक में सरकारी दफ्तरों में का क्या हाल था। इसके साथ ही इलेक्ट्रिशियंस, पोस्टमैन, टेलीफोन वायरमैन, गैस सिलेंडर एजेंसियों और उनके डिलीवरी बॉय, टैक्सी ड्राइवर्स आदि द्वारा जनता को हो रही परेशानियों को शो के जरिए बताने की कोशिश की गई थी और रजनी इन सभी परेशानियों से लड़ने के लिए जनता के साथ खड़ी थी।

टैक्सी ड्राइवर्स और गैस सिलिंडर डिस्ट्रीब्यूटर्स ने किया था विरोध

देखते ही देखते 'रजनी' की पॉपुलैरिटी बढ़ती गई और इसके साथ यह विवादों में भी घिरता गया। बताया जाता है कि मुंबई में ऑल इंडिया LPG डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन और तकरीबन 500 टैक्सी ड्राइवर्स ने शो के खिलाफ दूरदर्शन ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया था। उन्होंने बासु चटर्जी मुर्दाबाद के नारे लगाए थे।  उनका कहना था कि शो में उनकी छवि खराब की जा रही है। रिपोर्ट्स की मानें तो शो की वजह से टैक्सी कारोबार में 10 फीसदी की गिरावट आई थी। विवाद पर उस वक्त अमूल इंडिया ने भी चुटकी ली थी। उन्होंने एक होर्डिंग लगाया, जिसमें रजनी को बटर चाटते और उड़ती हुई टैक्सी को दिखाया गया था। इस पोस्टर पर लिखा था, "What's yellow on top and all for Rajani?"

विवाद के चलते साल भर भी नहीं चल पाया था शो

एक बातचीत में करण राजदान ने शो की सफलता को याद करते हुए कहा था, "13 एपिसोड पूरे होने पर चर्च गेट पर टीम को सम्मानित किया गया, जहां भगदड़ भी मच गई थी। अफ़सोस यह है कि इतना सफल होने के बाद भी यह शो साल भर भी नहीं चल पाया। दुखद है कि सरकार कुछ घबरा गई थी और उन्होंने शो के 42 सप्ताह पूरे होने के बाद इसको बंद करने को कह दिया।"

पद्मिनी कोल्हापुरे को 'रजनी' में कास्ट कर लिया गया था

'रजनी' में पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरे को कास्ट किया गया था। उन्होंने शो का पायलट एपिसोड शूट भी किया था। लेकिन जब दूरदर्शन से शो को मंजूरी दी, तब तक वे बड़ी स्टार बन चुकी थीं। इसके चलते उनके पास शो के लिए डेट्स नहीं थीं। इसके बाद बासु चटर्जी के पास तीन विकल्प थे अनिता राज, बिंदिया गोस्वामी और प्रिया तेंदुलकर और प्रिया को यह शो मिल गया। 

करण राजदान ने शो में प्रिया तेंदुलकर के पति का रोल किया था और आगे जाकर वे उनके रियल लाइफ हसबैंड भी बने। लंबे समय तक ब्रेस्ट कैंसर से जूझती रहीं प्रिया तेंदुलकर का 19 सितम्बर 2002 को हार्ट अटैक से निधन हो गया।

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