सार
सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया किया कि इस से लोगों पर निगरानी रखी जाएगी। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने पोस्ट किए कि सरकार इससे व्यक्तिगत डेटा जुटाएगी। डेटा के साथ सरकार कैसे भी इसका इस्तेमाल कर सकती है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (COVID-19) को लेकर भारत सरकार अब बहुत ज्यादा अलर्ट हो गई। एक तरफ देश में संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही हैं दूसरी ओर सरकार कोरोना से निपटने की तैयारी में लगी है। इसके लिए हाल में भारत सरकार ने आरोग्य सेतु (Aarogya Setu) ऐप लॉन्च किया है। यह किसी भी व्यक्ति को खुद से वायरस के खतरे को पकड़ने में मदद करेगा। पर सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ी सैकड़ों फेक खबरों के बीच इस एप को भी सर्विलांस एप कहकर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया किया कि इस से लोगों पर निगरानी रखी जाएगी। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने पोस्ट किए कि सरकार इससे व्यक्तिगत डेटा जुटाएगी। डेटा के साथ सरकार कैसे भी इसका इस्तेमाल कर सकती है।
अफवाह क्या है?
इस एप को लेकर कई विशेषज्ञों ने निजता संबंधी चिंता जाहिर की है। इससे भारतवासियों का पर्सनल क्या डेटा एकत्र किया जाएगा, इसे कब तक संग्रहीत किया जाएगा और इसका उपयोग किन कार्यों में किया जाएगा, इस पर केंद्र सरकार की तरफ से पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। सरकार ऐसी कोई गारंटी नहीं दे रही कि हालात सुधरने के बाद इस डेटा को नष्ट कर दिया जाएगा। ऐसे सवाल लोगों ने उठाए हैं। लोगों ने इस एप को सर्विलांस एप करार दिया है।
सच्चाई क्या है?
सरकार ने एप से जुड़ी सर्विलांस की अफवाह को स्पष्टीकरण जारी करते हुए इस दावे को पूर्ण रूप से खारिज किया है। प्रेस सूचना ब्यूरो ने ट्विटर पर ट्वीट में लिखा है यह आधारहीन है। यह ऐप किसी भी संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के साथ यूजर के स्थान और डेटा को लिंक नहीं करता है। इसके अलावा, यह यूजर को हैकिंग के लिए असुरक्षित नहीं बनाता है।
यूजर की निगरानी के लिए आरोग्य सेतु का उपयोग किया जाता है। लोगों को आश्वस्त किया है कि आरोग्य सेतु एक निगरानी ऐप नहीं है और केवल एक सुरक्षित मोबाइल एप्लिकेशन है जो लोगों को लेटेस्ट कोरोना वायरस अपडेट के बारे में सूचित रहने में मदद करता है या उनकी वर्तमान स्वास्थ्य-स्थिति का स्व-मूल्यांकन करने में उनकी सहायता करता है।
एप से जुड़ी जरूरी बातें-
1. आरोग्य सेतु एप को सार्वजनिक-निजी साझेदारी (Public-Private Partnership) के जरिये तैयार एवं गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च किया गया है।
2 व्यक्ति की गोपनीयता सुनिश्चित करने हेतु लोगों का डेटा उनके फोन में लोकल स्टोरेज में ही सुरक्षित रखा जाएगा तथा इसका प्रयोग तभी होगा जब उपयोगकर्त्ता किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आएगा जिसकी COVID-19 की जाँच पॉजिटिव/सकारात्मक रही हो।
3. इस एप का मुख्य उद्देश्य COVID-19 से संक्रमित व्यक्तियों एवं उपायों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना होगा।
4. यह एप 11 भाषाओं में उपलब्ध है और साथ ही इसमें देश के सभी राज्यों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची भी दी गई है।
5. किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस के जोखिम का अंदाज़ा उनकी बातचीत के आधार पर करने हेतु आरोग्य सेतु ऐप द्वारा ब्लूटूथ तकनीक, एल्गोरिदम (Algorithm), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा।
6. एक बार स्मार्टफोन में इन्स्टॉल होने के बाद यह एप नज़दीक के किसी फोन में आरोग्य सेतु के इन्स्टॉल होने की पहचान कर सकता है।
7. यह एप कुछ मापदंडों के आधार पर संक्रमण के जोखिम का आकलन कर सकता है।
आरोग्य सेतु ऐप चालू करने के लिए यूजर के लोकेशन, ब्लूटूथ और बेसिक व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करता है। हालांकि, यह यूजर को किसी भी संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी के साथ यूजर के स्थान और डेटा को हैक करने या लिंक करने के लिए असुरक्षित नहीं बनाता है। यूजर का डेटा केवल सरकार और व्यक्तिगत जानकारी के साथ साझा किया जाता है जैसे नाम और नंबर। यह पब्लिक के साथ साझा नहीं किया जाता है।
गूगल प्ले स्टोर पर 5 मिलियन से अधिक यूजर पहले ही आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल कर चुके हैं। यह गुजराती, मराठी, हिंदी और अंग्रेजी समेत 11 भाषाओं में है।