सार
इन दिनों सोशल मीडिया पर जापान के नोबेल प्राइज़ विनर साइंटिस्ट टासुकु होंज़ो का एक कथित बयान वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस को चीन की लैब में बनाया गया है। साथ ही इसमे यह भी दावा किया जा रहा है कि साइंटिस्ट साहब ने कहा है कि अगर उनकी बात झूठी साबित हुई तो वो अपना नोबेल प्राइज़ लौटा देंगे।
नई दिल्ली. इन दिनों सोशल मीडिया पर जापान के नोबेल प्राइज़ विनर साइंटिस्ट टासुकु होंज़ो का एक कथित बयान वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस को चीन की लैब में बनाया गया है। साथ ही इसमे यह भी दावा किया जा रहा है कि साइंटिस्ट साहब ने कहा है कि अगर उनकी बात झूठी साबित हुई तो वो अपना नोबेल प्राइज़ लौटा देंगे। तो आइए हम फैक्ट चेकिंग में जानते हैं कि आखिर इस वायरल पोस्ट की सच्चाई क्या है ?
वायरल दावे में क्या है ?
फेसबुक यूजर Ramesh Kumar Salwan ने 22 अप्रैल को एक पोस्ट किया है जिसमें लिखा गया है कि नोबेल पुरस्कार पाने वाले जापान के प्रोफेसर डॉक्टर श्री तोसुको होंजो ने आज मीडिया के सामने यह बोल कर सनसनी फैला दी कि कोरोना वायरस प्राकृतिक नहीं है यदि प्राकृतिक होता पूरी दुनिया में यह यूं तबाही नहीं मचाता क्योंकि विश्व के हर देश में अलग अलग टेंपरेचर होता है। आगे इन्होंने और भी चीजें लिखी हैं जिसे आप उनके पोस्ट में पढ़ सकते हैं।
वायरल दावे की सच्चाई क्या है ?
जब हमने दावे की सच्चाई जानने के लिए गूगल इंजन पर सर्च किया तो हमें ऐसा कोई भी बयान नहीं मिला जो उनके द्वारा दिया गया था। हां एक चीज जरूर मिली जिस में टेक्सास यूनिवर्सिटी के प्रफ़ेसर जेम्स एलिसन और जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के प्रफ़ेसर टासुकु होंजो को, मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई। यानी टासुकु नोबेल पुरस्कार विजेता है। और उन्हें ये पुरस्कार कैंसर’ के इलाज की दवाओं पर काम करने के लिए मिला था। लेकिन हमें कही भी यह नहीं मिला कि उन्होंने कहा हो कि कोरोना वायरस को चीन की लैब में बनाया गया है। यानी यह दावा सरासर झूठ है।
ये निकला नतीजा
जब हम इस दावे की सच्चाई जानने के लिए गूगल इंजन पर सर्च कर रहे थे तो हमें एक दूसरे साइंटिस्ट का दावा जरूर मिला। ये थे नोबेल विजेता फ़्रांसीसी वैज्ञानिक ल्यूक मोंटेनियर। जिन्होंने आरोप लगाया था कि नोबेल कोरोना वायरस प्राकृतिक नहीं है और इसे वुहान के एक लैब में बनाया गया है। बतादें कि मोंटेनियर को 2008 में HIV की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला है।