सार
नई दिल्ली. दिल्ली पब्लिक स्कूल (Delhi Public School ) को निशाना बनाते हुए फ़ेस मास्क की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। दावे में कहा जा रहा है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल ने चार सौ रुपये के फ़ेस मास्क बेचना शुरू कर बच्चों को लूटना चालू कर दिया है।
नई दिल्ली. दिल्ली पब्लिक स्कूल (Delhi Public School ) को निशाना बनाते हुए फ़ेस मास्क की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। दावे में कहा जा रहा है कि दिल्ली पब्लिक स्कूल ने चार सौ रुपये के फ़ेस मास्क बेचना शुरू कर बच्चों को लूटना चालू कर दिया है। यह पोस्ट ऐसे समय में वायरल हो रहा है जब सोशल मीडिया पर 30 प्रतिशत अटेंडेंस के साथ स्कूलों को खोलने की चर्चायें चल रही हैं। पोस्ट इस कैप्शन के साथ शेयर की जा रही है कि, ऐसी महामारी में भी स्कूलों का धंधा चालू है, दिल्ली पब्लिक स्कूल ने व्यापार शुरू कर दिया। इस पोस्ट को लोगों ने धड़ाधड़ शेयर किया है हालांकि लोग सच नहीं जानते थे।
फैक्ट चेकिंग में हमने दिल्ली पब्लिक स्कूल फेमस मास्क ( Fact Check DPS Selling Face Masks) और दावे की असलियत सामने लाने की कोशिश की-
वायरल पोस्ट क्या है?
यह दावा एक मास्क की तस्वीर के साथ वायरल हो रहा है | इस मास्क पर डी.पी.एस का लोगो और नाम लिखा हुआ है | साथ ही दावा है: "डीपीएस ने चालू कर दिया देश सहयोग,,,₹400 में हर छात्र को यह मास्क लेना पड़ेगा सोचिए लूट की हद कर दी इन कमीने लोगों ने बढ़िया से बढ़िया n95 मास्क भी ₹100 या 150 तक मिलता है इन प्राइवेट स्कूलों को स्कूल न कह के मानवता का कसाई खाना घोषित करना चाहिए। क्या सरकार की ज़िम्मेदारी नही बनती,,,, इनके खिलाफ action लेना?"
फैक्ट चेकिंग
फैक्ट चेकिंग में जब हमने इस वायरल DPS मास्क की जांच पड़ताल की तो मालूम हुआ कि ऐसी कोई प्लानिंग या सुविधा दिल्ली पब्लिक स्कूल दे ही नहीं रहा है। हमने कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स पायी जिसमें दिल्ली पब्लिक स्कूल ने इस दावे को खारिज किया था। स्कूल बोर्ड के मेंबर मंसूर अली खान ने बताया कि यह फ़र्ज़ी हैं और डी. पी.एस ने इसके ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज़ की है। हाल में ह्यूमन रिसोर्स डेवेलपमेंट मिनिस्टर रमेश निशंक पोखरियाल ने आदेश दिया कि स्कूल अगस्त के बाद ही शुरू होंगे। ऐसे में मास्क वाली खबर अफवाह है। उन्होंने इस बात से साफ़ इंकार करते हुए बूम को बताया, "अभी स्कूल्स सरकारी आदेश के कारण बंद हैं। यह फ़र्ज़ी दावे किसी की बदमाशी का नतीजा हो सकता है। खान ने आगे कहा, "यह किसी वेंडर ने अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए नाम और लोगो का इस्तेमाल किया है | डी.पी.एस का लोगो और नाम आसानी से इंटरनेट पर उपलब्ध हैं | जहाँ तक मुझे पता है, किसी भी डी.पी.एस ने यह काम नहीं किया है।"
खान के अनुसार उन्होंने सभी अभिभावकों को इस तरह की अफ़वाहों से दूर रहने के लिए सन्देश भेजे हैं। "बोर्ड ने इसके ख़िलाफ़ वर्थुर और कुमारस्वामी लेआउट पुलिस स्टेशनों में साइबर क्राइम कंप्लेंट भी दर्ज़ की है।"
ये निकला नतीजा
DPS मास्क वाली ये वायरल पोस्ट पूरी तरह फर्जी और फोटोशॉप हैं। किसी ने डी.पी.एस का नाम इस्तेमाल करके ऐसा किया। कई डी.पी.एस स्कूलों ने इसे ख़ारिज किया है।"