सार

सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। इसे भाजपा नेताओं से लेकर तमाम लोगों ने खूब शेयर भी किया था। लोगों का दावा था कि शाहीन बाग में महिलाओं को प्रदर्शन में बैठने के लिए पैसे बांटे जा रहे हैं। 

नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। इसे भाजपा नेताओं से लेकर तमाम लोगों ने खूब शेयर भी किया था। लोगों का दावा था कि शाहीन बाग में महिलाओं को प्रदर्शन में बैठने के लिए पैसे बांटे जा रहे हैं। चूंकि यह वीडियो दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में हिंसा के बाद वायरल हुआ था, इसलिए कुछ लोगों का दावा था कि महिलाओं को हिंसा के लिए पैसे बांटे गए हैं।

क्या है दावा: अमित बजाज नाम के फेसबुक अकाउंट पर यह वीडियो शेयर कर लिखा गया कि ये रहा सबूत, दंगा भड़काने और पत्थर मारने के लिए महिलाओं को पैसे दिए गए। वहीं, दिल्ली भाजपा महासचिव कुलजीत सिंह चहल ने भी वीडियो शेयर किया था। उनका दावा था कि भई कोई बताएगा, ये कहां के लिए, क्यों पैसे बांटे जा रहे हैं। वहीं, रोसी नाम की एक यूजर ने भी इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि यह चौंकाने वाला नहीं बल्कि सच है। वीडियो में दिख रहा है कि महिलाओं को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में बैठने के लिए पैसे बांटे जा रहे हैं।

 

 

एशियानेट न्यूज हिंदी ने भी इस खबर को वायरल वीडियो के आधार पर लगाया था। साथ ही एशियानेट न्यूज हिंदी ने ये भी साफ कर दिया था कि इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। 

क्या है सच? बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो उत्तर पूर्वी दिल्ली का ही है। इसी इलाके में हिंसा फैली थी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह वीडियो मुस्तफाबाद के बाबूनदगर इलाके की चार नंबर गली का है। यहां शिव विहार के कई मुस्लिम परिवार शरण लेकर रह रहे हैं। यहां ईदगाह और शेल्टर होम में तब्दील किए गए हैं। 

बीबीसी के मुताबिक, यहां लोगों ने बताया कि आसपास के लोग यहां मदद के लिए आ रहे हैं। यहां जरूरतमंदों को 100 और 50 रुपए भी दिए जा रहे हैं। इसके अलावा यहां लोगों की मदद से जरूरतमंदों के लिए खाना भी बनाया जा रहा है। 

यानी वायरल वीडियो ना तो शाहीन बाग का है और ना ही हिंसा के लिए महिलाओं को पैसे बांटे जा रहे हैं।