सार

सोशल मीडिया पर एक इमोशनल वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में लॉकडाउन के कारण 90 साल का व्यक्ति दो दिनों से अपने बेटे के शव को नहीं दफना पा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक बूढ़ा आदमी शव से धूल हटा रहा है और किसी से बात करने की कोशिश कर रहा है। वीडियो के बैकग्राउंड में एक इमोशनल म्यूजिक भी बज रहा है।

फेक चेकर. सोशल मीडिया पर एक इमोशनल वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में लॉकडाउन के कारण 90 साल का व्यक्ति दो दिनों से अपने बेटे के शव को नहीं दफना पा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि एक बूढ़ा आदमी शव से धूल हटा रहा है और किसी से बात करने की कोशिश कर रहा है। वीडियो के बैकग्राउंड में एक इमोशनल म्यूजिक भी बज रहा है।

वायरल न्यूज में क्या है?
वायरल न्यूज में दावा किया जा रहा है, "कश्मीर के अंदर 90 वर्ष के बूढ़ा पिता अपने बेटे के शरीर को 2 दिन से दफन नही कर पा रहे है। ये कहां का इंसाफ है साहेब #कश्मीर और #कश्मीरियो के साथ#1MonthOfKashmirShutdown" 5 सितंबर को यह वीडियो पोस्ट किया गया है।

इस वीडियो को फेसबुक यूजर फरहान उद्दीन ओवैसी ने भी 3 सितंबर को शेयर किया है। तब से इस पोस्ट को 8,200 से अधिक बार शेयर किया गया है। वीडियो को लगभग एक लाख बार देखा गया है।

वायरल न्यूज की पड़ताल 
- वायरल न्यूज की पड़ताल करने पर फेसबुक यूजर फरहान उद्दीन के पोस्ट के नीचे एक कमेंट मिला। इसमें लिखा था कि वीडियो उत्तर पश्चिमी सीरिया के इदलिब शहर का है। 
- वीडियो का स्क्रीन शॉट लेकर उसे गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया गया तो यू-ट्यूब वीडियो का लिंक मिला। यह वीडियो 27 अगस्त 2019 को अपलोड किया गया था। 

- यूट्यूब वीडियो के नीचे लिखा है, "रूसी हवाई हमले में इदलिब के दक्षिणी में एक लड़के की मौत हो गई। फिर 90 साल के पिता ने अपने बेटे को आखिरी विदाई दी।"

- इसके बाद वीडियो के नीचे लिखे कीवर्ड से सर्चिंग करने पर कुछ और तस्वीरें मिलीं। एक ट्वीट के अनुसार बूढ़े व्यक्ति का नाम कोनबोर अलबायोश है और उसका बेटा सीरिया के काफर नबल शहर में बमबारी में मारा गया था।

- इस घटना से जुड़ी और कुछ खबरें मिलीं, जिनके मुताबिक वीडियो में दिख रहा वृद्ध व्यक्ति सीरिया का नागरिक है। उसने सीरिया में बम हमलों में अपने तीसरे बेटे को खो दिया।

- सीरिया सिविल डिफेंस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी इस घटना के बारे में जिक्र किया गया था। घटना 27 अगस्त, 2019 की है। 

निष्कर्ष 
वायरल वीडियो में किया जा रहा दावा झूठा है। कश्मीर के नाम पर वायरल वीडियो सीरिया का है। 27 अगस्त 2019 की घटना को कश्मीर का बताकर वायरल किया जा रहा है।