सार

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि यूनिफॉर्म में हथियार लिए कुछ आर्मी के जवान स्थानीय लोगों को पीट रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि जिन्हें मारा जा रहा है वे  कश्मीरी मुस्लिम हैं।

फेक चेकर. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि यूनिफॉर्म में हथियार लिए कुछ आर्मी के जवान स्थानीय लोगों को पीट रहे हैं। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि जिन्हें मारा जा रहा है वे  कश्मीरी मुस्लिम हैं।

वायरल न्यूज में क्या है?
वायरल वीडियों के साथ लिखा है, "यह वीडियो सभी को भेजें। दुनिया के लोगों को पता होना चाहिए कि कश्मीरी मुस्लिमों के साथ भारतीय सेना क्या कर रही है। अल्लाह हू अकबर।" यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वायरल न्यूज की पड़ताल
वायरल न्यूज की पड़ताल के लिए हमने वीडियो से कुछ स्क्रीन शॉट लिए और उन्हें गूगल पर रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इसमें पता चला कि इस वीडियो को 2009 में यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है। वीडियो के साथ लिखा हुआ था, पाक सेना ने स्वात में युवा और पुराने मुस्लिमों पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार किया।

- गूगल में इस न्यूज से जुड़े कुछ और की-वर्ड डालने पर बीबीसी पर 1 अक्टूबर 2009 को पब्लिश एक न्यूज मिली। इसके अनुसार,"10 मिनट के इस वीडियो में पाकिस्तानी सैनिकों को तालिबान संदिग्धों को गाली देते हुए दिखाया गया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वीडियो को किसने और कहां शूट किया।"

- इस घटना के बारे में अल जजीरा ने भी रिपोर्ट पब्लिश की। उन्होंने बताया कि जिस शख्स की पिटाई हो रही है वो पश्तो में चिल्ला रहा है कि मुझ पर दया करो, हे भगवान। यह भाषा अफगान सीमा के करीब रहने वाले लोग बोलते हैं। 

निष्कर्ष 
वायरल वीडियो की पड़ताल करने पर पता चला कि यह वीडियो कश्मीर का नहीं है। इसमें दिख रहे लोग भी भारतीय सेना के नहीं है। वीडियो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से झूठ है।