सार

अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में वायरल है। इसमें वॉट्सऐप की नई पॉलिसी से जुड़े कई सनसनीखेज दावे किए जा रहे हैं। इसमें वॉट्सऐप की कथि‍त गाइडलाइन की एक लिस्ट दी गई है जो कहती है कि अब वॉट्सऐप अपने यूजर्स की सभी कॉल रिकॉर्ड करके सेव करेगा। ये भी दावा है कि सरकार लोगों की वॉट्सऐप चैट की निगरानी करेगी।

फैक्ट चेक डेस्क. वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी लगातार चर्चा में है। अब सोशल मीडिया पर वॉट्सऐप के द्वारा कॉल रिकॉर्ड करने और सरकार वॉट्सऐप चैट की निगरानी करने का दावा किया जा रहा है। दावा है कि,  वॉट्सएप पर ‘सरकार-विरोधी’ मैसेज भेजने वाले के खि‍लाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

आइए फैक्ट चेक में जानते हैं कि इस दावे की सच्चाई क्या है? 

दरअसल हाल ही में वॉट्सऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी (गोपनीयता से जुड़े नियम व शर्तों) में बदलाव किया था जिसे लेकर काफी सवाल उठे। इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी पर बनी एक संसदीय समिति ने 21 जनवरी को वॉट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बारे में इसके प्रतिनिधि‍यों से पूछताछ भी की। 

क्या था मामला? 

वॉट्सऐप ने अपनी पॉलिसी में बदलाव किया था कि सभी यूजर्स को अपना डेटा फेसबुक और इंस्टाग्राम- दोनों के साथ शेयर करना पड़ेगा। इसके चलते बड़ी संख्या में वॉट्सएप छोड़कर सिग्नल जैसे दूसरे मैसेजिंग ऐप के डाउनलोड्स बढ़ गए।

वायरल पोस्ट क्या है? 

अब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में वायरल है। इसमें वॉट्सऐप की नई पॉलिसी से जुड़े कई सनसनीखेज दावे किए जा रहे हैं। इसमें वॉट्सऐप की कथि‍त गाइडलाइन की एक लिस्ट दी गई है जो कहती है कि अब वॉट्सऐप अपने यूजर्स की सभी कॉल रिकॉर्ड करके सेव करेगा। ये भी दावा है कि सरकार लोगों की वॉट्सऐप चैट की निगरानी करेगी और अगर किसी ने ‘सरकार-विरोधी’ मैसेज भेजा तो उसके खि‍लाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

 

 

फैक्ट चेकिंग

जब हमने इस दावे की सच्चाई जानने के लिए गूगल सर्चि किया तो हमें  पाया कि ये कथित लिस्ट काल्पनिक है। वॉट्सऐप ने ऐसी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें वॉट्सऐप यूजर्स की कॉल रिकॉर्ड होने और उसे सेव किए जाने के बारे में जानकारी दी गई हो। हालांकि, ये सच है कि वॉट्सएप यूजर्स का डेटा कलेक्ट करता है। व्हाट्सएप ने अपने ब्लॉग के FAQ सेक्शन में क्लियर है कि वह यूजर्स का मैसेज/कॉल नहीं सुनता है।

सरकार के खि‍लाफ वॉट्सऐप पर मैसेज शेयर करने पर होगी कार्रवाई?

सच क्या है? वायरल मैसेज का ये दावा भी फर्जी और भ्रामक है। ना तो वॉट्सऐप ने ऐसी कोई गाइडलाइन जारी की है और ना ही सरकार ने। प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो ने अप्रैल 2020 में वॉट्सएप निगरानी के दावे का खंडन किया था। 

 

 

ये निकला नतीजा 

वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव के बाद बड़े पैमाने पर उसकी आलोचना हुई तो कंपनी ने एक स्पष्टीकरण जारी किया कि वह अपने यूजर्स को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन मुहैया कराता है। वॉट्सऐप अगले मई तक के लिए अपनी प्राइवेसी पॉलिसी लॉन्च करने की योजना टाल दी। 

 

 

वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी में चिंता की एक बड़ी वजह मेटाडेटा कलेक्शन है। इसमें किसी मैसेज के कंटेंट को छोड़कर बाकी सारी जानकारी शामिल है। वॉट्सऐप कॉन्टैक्ट्स, लोकेशन डिटेल्स, फाइनेंशियल डिटेल्स, फोन की यूनीक आइडेंटिफायर जैसी कई जानकारियां कलेक्ट करता है। इस मेटाडेटा के जरिये किसी की निजी पहचान से जोड़कर उसकी एक प्रोफाइल तैयार की जा सकती है।