सार
सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश को तीन राज्यों में बांटने की तैयारी चल रही है। मैसेज के साथ एक लेटर भी वायरल हो रहा है, जिसमें तीनों राज्यों के नाम और उनके अन्तर्गत आने वाले जिलों का नाम लिखा है।
फेक चेकर. सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश को तीन राज्यों में बांटने की तैयारी चल रही है। मैसेज के साथ एक लेटर भी वायरल हो रहा है, जिसमें तीनों राज्यों के नाम और उनके अन्तर्गत आने वाले जिलों का नाम लिखा है।
वायरल न्यूज क्या है?
वायरल न्यूज में लिखा है, ब्रेकिंग। लखनऊ। तीन राज्यों में बटेगा उत्तर प्रदेश। तीन राज्य होंगे, उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड व पूर्वांचल। सूत्र। यूपी। मैसेज के साथ एक लेटर भी है, जिसमें उत्तर प्रदेश के तीन अलग-अलग क्षेत्रों का विभाजन दिखाया गया है। लेटर में नए राज्यों और जिलों की राजधानियों का भी उल्लेख किया गया है। यह दावा किया गया है कि यूपी को तोड़ दिया जाएगा। पहला राज्य यूपी होगा जिसकी राजधानी लखनऊ होगी। दूसरा राज्य बुंदेलखंड होगा, जिसकी राजधानी प्रयागराज होगी। तीसरा राज्य पूर्वांचल होगा जिसकी राजधानी गोरखपुर होगी। यह दावा सूरज विश्वकर्मा नाम के ट्विटर यूजर ने किया है, जो एक रिपोर्टर होने का दावा करता है। यह दावा सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है।
वायरल न्यूज का सच क्या है?
- सबसे पहली बात तो यह है कि उत्तर प्रदेश को तीन राज्यों में बांटने का प्रस्ताव इससे पहले आ चुका है। उत्तर प्रदेश के विभाजन का प्रस्ताव पहली बार 2011 में आया था। तब यूपी में बसपा की सरकार थी। तब सरकार ने विभाजन के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया था। फिर प्रस्ताव को विचार के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया था। हालांकि इस प्रस्ताव को यूपीए सरकार ने हरी झंडी नहीं दी थी। इसके बाद मामला 2013 में भी उठा था। इसके बाद यह मुद्दा कई बार उठा।
- अब वायरल न्यूज के दावे की हकीकत बताते हैं। इसके लिए सर्च करने पर लल्लनटॉप न्यूज वेबसाइट की एक स्टोरी मिली, जिसमें यूपी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार के हवाले से लिखा गया था कि उन्होंने इस दावे को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यूपी को विभाजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने भी इसका कोई प्रस्ताव नहीं है।
निष्कर्ष
वायरल न्यूज की पड़ताल करने पर पता चला कि सोशल मीडिया पर वायरल न्यूज का दावा झूठा है। अभी यूपी में वर्तमान सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। सोशल मीडिया पर चल रहा दावा झूठा है।