सार
सर्दियों के मौसम में बथुआ का साग बहुत मिलता है। यह गुणों की खान है। बथुआ का साग पेट संबंधी रोगों को दूर करने के साथ कई तरह की बीमारियों को भी दूर करता है। इसे खाने से कैसी भी कमजोरी क्यों न हो, दूर हो जाती है।
फूड डेस्क। सर्दियों के मौसम में बथुआ का साग बहुत मिलता है। यह गुणों की खान है। बथुआ का साग पेट संबंधी रोगों को दूर करने के साथ कई तरह की बीमारियों को भी दूर करता है। इसे खाने से कैसी कमजोरी क्यों न हो, दूर हो जाती है। यह पचने में भी हलका होता है। अगर किसी के पेट में कीड़े हों या पाइल्स की बीमारी हो तो उसमें भी यह फायदेमंद होता है। इसे साग के रूप में बना कर खा सकते हैं या इसका पराठा भी बना सकते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं बथुआ का साग बनाने की रेसिपी।
आवश्यक सामग्री
- बथुआ - आधा किलो
- टामटर दो बारीक कटे
- हरी प्याज करीब 100 ग्राम बारीक कटी
- हरा मटर दाना करीब एक कप
- हरा धनिया बारीक कटा
- दो हरी मिर्च बारीक कटी
- आधा चम्मच जीरा
- आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर
- नमक स्वाद के अनुसार
बनाने की विधि
सबसे पहले बथुआ के साग को डंठल तोड़ कर साफ कर लें और पानी से अच्छी तरह धो लें। जब पानी निकल जाए तो बारीक काट लें। हरी प्याज को भी धो कर बारीक काट लें। इसके बाद गैस पर कड़ाही चढ़ा कर गर्म होने पर सरसों का तेल डालें और जब तेल गर्म हो जाए तो जीरा व हरी मिर्च डाल दें। इसके बाद प्याज डाल कर अच्छी तरह भूनें और उसमें मटर के दाने डाल दें। थोड़ी देर तक भूनने के बाद उसमें जीरा और काली मिर्च का पाउडर डाल दें। इसके बाद उसमें बथुआ का साग डाल कर ठीक से चलाएं। फिर कड़ाही को ढक दें। बीच-बीच में ढक्कन हटा कर साग को चलाते रहें। जब साग गल जाए तो गैस को धीमा कर दें और पानी सूखने दें। सारा पानी सूख जाने पर साग में बारीक कटा हरा धनिया मिला दें और उसमें सरसों का थोड़ा तेल डाल कर अच्छे से मिल दें। इसके बाद इसे रोटी, चावल और पराठे के साथ खाएं। इसका स्वाद वाकई लजवाब होता है।