चाणक्य नीति: ये 4 चीजें जितनी भी मिले, लेकिन हमेशा कम ही लगती है
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1. धन
व्यक्ति के पास चाहे कितनी भी धन क्यों न हो, लेकिन उसका लालच खत्म नहीं होता। पर्याप्त धन होने के बाद भी मन में और अधिक धन की लालसा बनी रहती है। यही लालच व्यक्ति को कई बार गलत रास्तों पर भी ले जाता है और जीवन में मुश्किलें बढ़ाता है। इसलिए जितनी धन हो, उसी में संतोष कर लेना चाहिए।
2. जीवन
हर मनुष्य को पता है कि एक दिन उसकी मृत्यु होना तय है, लेकिन इसके बाद भी जीवन के प्रति उसकी लालसा कभी खत्म नहीं होती। हर इंसान ज्यादा से ज्यादा जीना चाहता है ताकि भौतिक सुख-सुविधाओं का लाभ उठा सके।
3. स्त्री
बहुत से लोग स्त्रीलोलुप होते हैं यानी एक स्त्री (पत्नी) से उनका मन नहीं भरता और वे अन्य स्त्रियों पर आसक्त होकर गलत काम करने से भी नहीं हिचकते। बहुत-सी स्त्रियों से संबंध परेशानियों का कारण बन जाता है। कई बार स्त्री के कारण मृत्यु सम कष्ट भी भुगतने पड़ते हैं।
4. स्वादिष्ट भोजन
इंसान को भोजन उतना ही करना चाहिए, जितना वो पचा सके और कोई विकार भी उत्पन्न न हो, लेकिन कुछ लोग सिर्फ भोजन के लिए जीते हैं। रोज नए-नए स्वादिष्ट पकवान खाकर भी उनका मन नहीं भरता। ऐसे लोगों को भविष्य में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो सकते हैं।