MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Religion
  • Spiritual
  • मृतक के कान-नाक में रुई क्यों लगाई जाती है? जानें अंतिम संस्कार से जुड़ी ऐसी ही 4 परंपराओं के कारण

मृतक के कान-नाक में रुई क्यों लगाई जाती है? जानें अंतिम संस्कार से जुड़ी ऐसी ही 4 परंपराओं के कारण

उज्जैन. हिंदू धर्म के अंतर्गत कई परंपराएं बनाई गई हैं। इन परंपराओं के पीछे कई कारण छिपे होते हैं। हिंदू धर्म में अंतर्गत आने वाले 16 संस्कार भी इन परंपराओं के अंतर्गत आते हैं। इन 16 संस्कारों में जन्म से लेकर मृत्यु तक नियम बताए गए हैं। (Hindu rituals after death) जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो अंतिम संस्कार किया जाता है। जैसे ही कोई व्यक्ति मरता है, वैसे ही उसके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस दौरान अनेक बातों का ध्यान रखा जाता है। यही बातें परंपराएं हैं। बदलते समय के साथ भी ये परंपराएं आज भी निभाई जा रही हैं। आगे जानिए अंतिम संस्कार से जुड़ी ऐसी ही 5 परंपराओं के बारे में…

2 Min read
Manish Meharele
Published : Dec 12 2022, 04:33 PM IST| Updated : Dec 12 2022, 04:39 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
14

पहले से समय में दाह संस्कार चंदन की लकड़ी से ही करने की परंपरा था, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है। जिसके चलते दाह संस्कार के समय चंदन की लकड़ी का एक छोटा सा टुकड़ा अग्नि में रखा जाता है। इसके पीछे कारण है कि हिंदू धर्म में चंदन की लकड़ी को बहुत ही पवित्र माना गया है और दूसरा कारण यह है कि चंदन की लकड़ी जलने से जो सुंगध उठती है वह मृत शरीर के जलने की बदबू को कम कर देती है।   
 

24

व्यक्ति के मरने पर उसके आस-पास गौमूत्र का छिड़काव किया जाता है, इसके पीछे कारण है कि गौमूत्र को हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है और इसके प्रभाव से निगेटिव शक्तियां मृत शरीर के पास नहीं आ पाती। अन्यथा निगेटिव शक्तियां मृत शरीर पर काबू करने की कोशिश करने लगती हैं।
 

34

जैसे ही किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, उसके सिर की ओर दीपक जरूर जलाया जाता है। इसके पीछे कई कारण छिपे हैं। दीपक की लौ से निकलने वाली गर्मी से सूक्ष्म  जीव जीवन उस मृत शरीर के आस-पास आते ही नष्ट हो जाते हैं और इससे वातावरण में पॉजिटिविटी बनी रहती है। मृत शरीर के पास रखा हुआ दीपक परम पिता परमात्मा का प्रतीक भी होता है।
 

44

इस परंपरा के पीछे वैज्ञानिक तथ्य छिपे हैं। जब भी किसी प्राणी की मृत्यु होती है तो उसका शरीर उसी समय से डिकंपोज होने लगता है यानी सड़ने लगता है। जिसकी गंध से अन्य छोटे जीव उसके आस-पास आने लगते हैं। ये जीव नाक या कान के माध्यम से शरीर में न चले जाएं, इसलिए इन्हें रुई से ढंक दिया जाता है। कई बार मृतक के कान-नाक से खून या अन्य कोई द्रव्य निकलने लगता है। इसलिए भी ये परंपरा निभाई जाती है।
 

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved