शिव और पार्वती का स्वरूप है ये ज्योतिर्लिंग, इसे कहते हैं दक्षिण का कैलाश
उज्जैन. प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में मल्लिकार्जुन का स्थान दूसरा है। यह ज्योतिर्लिंग आन्ध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नामक पर्वत पर स्थित है। शिवपुराण के अनुसार, मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग शिव तथा पार्वती दोनों का संयुक्त स्वरूप है। मल्लिका का अर्थ पार्वती और अर्जुन शब्द भगवान शिव के लिए प्रयोग किया गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, जो मनुष्य इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है तथा उसे सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
कैसे पहुंचें?
हवाई मार्ग: सड़क के जरिए श्रीसैलम पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। विजयवाड़ा, तिरुपति, अनंतपुर, हैदराबाद और महबूबनगर से नियमित रूप से श्रीसैलम के लिए सरकारी और निजी बसें चलाई जाती हैं।
सड़क मार्ग: श्रीसैलम से 137 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैदराबाद का राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है। यहां से आप बस या फिर टैक्सी के जरिए मल्लिकार्जुन पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग: यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन मर्कापुर रोड है जो श्रीसैलम से 62 किलोमीटर की दूरी पर है।
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