श्रीराम नवमी: संस्कृत, अवधी, हिंदी के अलावा और भी भाषाओं में लिखी गई है रामायण
उज्जैन. 21 अप्रैल, बुधवार को श्रीराम नवमी का पर्व है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। भगवान श्रीराम के जीवन से संबंधित अनेक ग्रंथ हिंदू धर्म में प्रचलित हैं। इन सभी में वाल्मीकि रामायण को अधिक प्रमाणित माना जाता है। वहीं तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीराम चरित मानस में श्रीराम के जीवन का सबसे सुंदर वर्णन किया गया है। इनके अलावा और भी रामायण अलग-अलग भाषाओं में लिखी गई है। आज हम आपको उसी के बारे में बता रहे हैं…
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1. वाल्मीकि कृत रामायण
रामायण को वाल्मीकि ने श्रीराम के काल में ही लिखा था इसीलिए इस ग्रंथ को सबसे प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है। यह मूल संस्कृत में लिखा गया ग्रंथ है।
2. श्रीरामचरित मानस
श्रीरामचरित मानस को गोस्वामी तुलसीदासजी ने लिखा जिनका जन्म संवत् 1554 को हुआ था। गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरित मानस की रचना अवधी भाषा में की।
3. कम्ब रामायण
तमिल भाषा में लिखि कम्बन रामायण दक्षिण भारत में ज्यादा प्रचलित है। इसे 'इरामावतारम्' भी कहते हैं। इसे कवि कम्बन ने लिखा था।
4. अद्भुत रामायण
यह रामायण संस्कृत में लिखि गई है। जिसमें 27 सर्गों का उल्लेख है। यह स्पष्ट नहीं है कि इसकी रचना किसने की थी।
5. आनंद रामायण
इस रामायण के 9 कांड है। पहले में 13, दूसरे में 9, तीसरे में 9, चौथे में 9, पांचवें में 9, छठे में 9, सातवें में 24, आठवें में 18, नौवें में 9 सर्ग है।
6. इसके अलावा असम में असमी रामायण, उड़िया में विलंका रामायण, कन्नड़ में पंप रामायण, कश्मीर में कश्मीरी रामायण, बंगाली में रामायण पांचाली, मराठी में भावार्थ रामायण भी प्रचलित है। दुनियाभर में 300 से ज्यादा रामायण प्रचलित हैं।